
कर्नाटक हाईकोर्ट में 26 सालों से सड़ रही जयललिता की 11,344 साड़िया और चप्पलें, चीफ जस्टिस ने की निस्तारण की मांग
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति का केस चल रहा था, जो की उनके निधन के बाद खत्म हो गया। मगर उनसे जुड़ी कीमती चीजें जैसे साड़ी, चप्पलें और सोना-चांदी अब भी कर्नाटक हाईकोर्ट के पास जमा है। उनके निधन के बाद उनकी पार्टी चाहती थी कि जयललिता से जुड़ी इन सभी सामानों को पार्टी को वापस कर दिया जाए, ताकि पार्टी उसका इस्तेमाल म्यूजियम में कर सके।
बता दें, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 1996 में आय के ज्ञात स्रोतों से ज़्यादा संपत्ति को लेकर जयललिता के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला, तो तत्कालीन डीएमके सरकार ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने में ज़्यादा देर नहीं लगाई। जयललिता पर 66 करोड़ की अवैध संपत्ति जुटाने का गंभीर आरोप लगा और मामला निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।
पुलिस ने जयललिता के निवास पर छापे के दौरान 800 किलो चांदी, 28 किलो सोना, 11,344 साड़िया, 250 सॉल, 750 जोड़ी चप्पलें, 91 घड़ियां और 41 एयरकंडिशनर मिले थे। यह सब कुछ बेंगलुरू की सिटी सिविल कोर्ट की पहली मंजिल पर रखा गया है। इन सामनों की निगरानी 24 घंटे कर्नाटक पुलिस करती है और इसके लिए चार पुलिस वाले तैनात हैं।
इनकम टैक्स विभाग ने 2002 में सारा सामान सरकार को सौंपा था। उस वक्त केस तमिलनाडु से कर्नाटक में शिफ्ट हो गया था। 1996 में जयललिता की तरफ से एक अर्जी डाली गई थी कि तमिलनाडु में डीएमके की सरकार होने की वजह से उन्हें उचित न्याय नहीं मिलने का डर है। इस वजह से केस को कर्नाटक में शिफ्ट किया गया था। एक स्पेशल कोर्ट ने उन्हें और बाकी आरोपियों को सितंबर 2014 में जेल भेज दिया था। फिर कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसले को बदलकर मई 2015 में जयललिता को बाहर कर दिया था। फिर कर्नाटक सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली थी।
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वहीं जयललिता द्वारा जब्त किया गया सामान सरकार का है। उनके निधन के बाद प्राप्त हुए अवैध संपत्ति राष्ट्रीय धन बन गया। मगर 26 साल से जयललिता से जब्त किए गए ये सामान अब सड़ने लगे हैं। वकील नरसिम्हामूर्ति ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील की है कि वह सरकार को जयललिता की साड़ी, चप्पल और शॉल नीलाम करने का निर्देश दें।
बता दें, बेंगलुरू स्थित एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की प्रति अचल संपत्ति के निपटान में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जो पिछले 26 वर्षों से अदालत की हिरासत में हैं। अपने आवेदन में, कार्यकर्ता नरसिम्हामूर्ति ने मामले में जब्त की गई 27 संपत्तियों को सूचीबद्ध किया और उनमें से तीन को - साड़ी, शॉल और जूते - प्रकृति में खराब होने की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि इन्हें सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से जल्द से जल्द निपटाना चाहिए।
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Updated on:
26 Jun 2022 04:05 pm
Published on:
26 Jun 2022 03:24 pm
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