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पूर्व CJI पर जूता उछालने वाले वकील को चप्पलों से धुना, लगाने लगे सनातन धर्म के नारे

पूर्व CJI पर जूता उछालने वाले वकील को कोर्ट परिसर में ही एक वकील ने घेरकर चप्पलों से पीटा। इस दौरान एडवोकेट राकेश किशोर ने सनातन की जय हो का नारा लगाया।

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राकेश किशोर पर कोर्ट में हुआ हमला

राकेश किशोर पर कोर्ट में हुआ हमला (Photo-X)

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में मंगलवार को वकील राकेश किशोर पर एक वकील ने चप्पलों से हमला कर दिया। यह वही राकेश किशोर हैं जिन्होंने दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। हमले के दौरान किशोर लगातार 'सनातन धर्म की जय हो' के नारे लगाते नजर आए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

‘सनातन की जय हो’ का लगाते रहे नारा

घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर राकेश किशोर पर अचानक वकील ने चप्पल से प्रहार किया। किशोर ने पहले हमलावर से पूछा, "क्या गलती की है मैंने?" लेकिन जैसे-जैसे हमला तेज हुआ, वे जोर-जोर से 'सनातन धर्म की जय हो' चिल्लाने लगे। आसपास के वकील और लोग बीच-बचाव करने पहुंचे, लेकिन तब तक मामला तूल पकड़ चुका था। कोर्ट की सुरक्षा टीम ने हस्तक्षेप कर किशोर को बाहर निकाला। 

पुलिस ने नहीं दी शिकायत

बता दें कि अभी तक इस मामले में किसी भी तरह की पुलिस में शिकायत नहीं दी गई है। वहीं अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राकेश किशोर पर यह हमला किसने और क्यों किया था। 

घटना के बारे में क्या बोले किशोर?

वहीं इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए राकेश किशोर ने कहा कि एक वकील ने उन पर चप्पलों से हमला कर दिया। इसके बाद मैं वहां से चला गया। किशोर ने दावा किया कि वे CJI पर जूता फेंकने की सजा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह दलित हैं, इसलिए उन्होंने उन पर जूता फेंका। फिर हमने 'सनातन' के नारे भी लगाए।

सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी

बता दें कि 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन CJI गवई की बेंच के सामने उन्होंने जूता उछालने की कोशिश की थी। यह हंगामा विष्णु मूर्ति से जुड़े एक मामले पर CJI की कथित टिप्पणी को लेकर भड़का था। किशोर ने नारा लगाया था, "सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान!"

इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें निलंबित कर दिया। हालांकि पूर्व CJI गवई ने ख़ुद किशोर को यह कहते हुए माफ कर दिया था कि “ मुझ पर जूता फेंकना ग़लत है,लेकिन क्षमा ही न्याय का मूल है।" सुप्रीम कोर्ट ने भी अवमानना की कार्रवाई से इनकार कर दिया था।

वहीं किशोर ने बाद में कहा था कि उन्हें अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं, क्योंकि यह "सनातन रक्षा" का प्रयास था