केन्द्र और राज्य के अधिकारियों को नोटिस जारी करने के साथ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत केन्द्रीय गृह मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और तमिलनाडु के मुख्य सचिव को निर्देश दे कि वह सभी मंत्रालयों और विभागों को आवेदनों, प्रमाण पत्रों, लाइसेंस में पिता के साथ मां का नाम भी दर्ज करने के लिए अनिवार्य रूप से कॉलम दें।
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याचिकाकर्ता ने कहा कि बच्चे के विकास में मां की भूमिका अहम है, लेकिन सरकारी दस्तावेज में सिर्फ पिता के नाम का कॉलम पितृसत्तात्मक सोच का दर्शाता है। इसलिए सरकारी दस्तावेजों में पिता के साथ मां के नाम का भी कॉलम होना चाहिए। यह भी पढ़ें