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कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह ही नहीं बिहार के 33 में से 23 मंत्रियों पर केस, 17 पर तो गंभीर आपराधिक मामले

Bihar Ministers Crime History: राजद, जदयू, कांग्रेस, लेफ्ट और हम के विधायकों के समर्थन पर बिहार में बनी महागठबंधन की सरकार में शामिल अधिकतर मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज है। इस बात का खुलासा एडीआर की एक रिपोर्ट ने की है।

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Mahaghatbandhan Govt: 23 Ministers of Bihar facing Case, 17 involved in Serious Criminal cases

Bihar Ministers Crime History: बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह आज पूरे दिन सुर्खियों में बने रहे। वजह थी- किडनैंपिग का एक केस। इस केस में कार्तिकेय सिंह भी आरोपी है। सवाल उठा कि अपहरण जैसे संगीन अपराध में शामिल कोई नेता मंत्री कैसे बन सकता है? उसमें भी खास यह संयोग निकला कि अपहरण के इस केस में कार्तिकेय सिंह को जिस दिन कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली।

कार्तिकेय सिंह के अपहरण मामले में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उनकी पार्टी राजद का पक्ष भी सामने आ चुका है। लेकिन उससे भी दिलचस्प एक जानकारी यह सामने आई है कि केवल कार्तिकेय सिंह ही नहीं बिहार के 33 में 23 मंत्री अलग-अलग मामलों के आरोपी है। इससे भी खास बात यह है कि इन 23 में 17 मंत्री ऐसे हैं, जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है।


बिहार में महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल गठन के एक दिन ही बाद Association for Democratic Reforms (ADR) ने बिहार के नए मंत्रियों की आपराधिक कुंडली खोल दी। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 33 में से 23 मंत्रियों पर केस चल रहा है। इनमें से 17 मंत्री तो ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि नीतीश कुमार की नई सरकार के 72 प्रतिशत मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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महागठबंधन सरकार में शामिल RJD के 17 मंत्रियों में से 15 पर मामले चल रहे हैं। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर 11 केस दर्ज हैं। ये केस पटना के कोतवाली, सचिवालय, पूर्णिया, हाजीपुर, दिल्ली में CBI ने दर्ज किया है। तेजस्वी पर धारा 302, 420 जैसे सेक्शन लगाए गए हैं। धारा 302 मर्डर केस के रूप में चलाया जाता है। ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले भी है। तेजस्वी यादव पर पूर्णिया में मर्डर करने का केस चल रहा है।

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लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र और वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव पर भी 5 केस दर्ज है। जिसमें पटना के कोतवाली, सचिवालय, मैट्रिमोनियल केस और महिला थाने में भी केस दर्ज है। तेज प्रताप यादव पर पूर्णिया में मर्डर केस चल रहा है। तो वही मैट्रिमोनियल केस के तहत डोमेस्टिक वॉयलेंस का भी उन पर चल रहा है।


इसके अलावा राजद खेमे से मंत्री बने सुरेंद्र राम पर मजमा लगाने, सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट के साथ चोरी करने का भी केस दर्ज है। बिहार के नए बने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर पटना के सचिवालय थाना में, सुपौल के किशनपुर थाना में साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर केस दर्ज है। शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर के बैग से दिल्ली एयरपोर्ट पर लाइसेंसी राइफल की गोली बरामद हुई थी।

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बिहार के नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप है। इसके अलावा सड़क जाम कर यातायात बाधित करने का भी उन पर है। वहीं राजद के मंत्री सुरेंद्र यादव पर 9 केस दर्ज है। जिसमें बाल यौन अपराध, मारपीट और आचार संहिता के केस दर्ज हैं। मंत्री ललित यादव पर लॉकडाउन के अवधि में पटना से गोपालगंज राजनीतिक कारणों से जाने के प्रयास के क्रम में प्राथमिकी दर्ज की गई है।


नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के 11 में से 4 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जदयू की ओर से सबसे ज्यादा केस अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री जमा खान पर दर्ज है। उन पर तीन केस दर्ज है तो, वहीं संजय झा और मदन सहनी पर दो-दो केस है। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि जदयू के 11 में से 9 मंत्री करोड़पति हैं जबकि राजद के 17 में से 16 मंत्री करोड़पति हैं।

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इधर कांग्रेस के दोनों मंत्रियों पर एक-एक केस दर्ज है। निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह पर भी एक केस दर्ज है। वहीं HAM के संतोष कुमार सुमन पर भी एक केस दर्ज है। एडीआर की यह रिपोर्ट बताती है कि किस कदर बिहार की राजनीति में अपराध हावी है। ऐसे में इन दागी मंत्रियों के साथ सुशासन बाबू कैसे राज्य का लॉ एंड ऑर्डर संभालते है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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