
Mahayuti Alliance
मुंबई। पूरे महाराष्ट्र में जहां विधानसभा चुनावों (Maharashtra Elections) को लेकर मचे घमासान के बीच मतदाता क्या करे, क्या न करे वाली उलझन में फंसा है, लेकिन शिवसेना के गढ़ रहे ठाणे जिले की 18 विधानसभा सीटों का मराठी मतदाता मोटे तौर पर शिवसेना शिंदे के साथ है। शिवसैनिकों के अलावा वोटर अभी दुविधा में नजर आ रहा है कि किसे वोट दिया जाए। ऐसे मतदाता दल की बजाय प्रत्याशी देख कर फैसला करने की बात करते हैं।
इसी साल लोकसभा चुनाव में ठाणे की 3 सीटों में से कल्याण और ठाणे में एकनाथ शिंदे ने उद्धव सेना को दो-दो लाख से ज्यादा के अंतर से करारी मात देकर अपने आप को ठाणे का किंग साबित कर दिया, लेकिन जिले की तीसरी सीट भिवंडी में शरद पवार की एनसीपी ने शिंदे की सहयोगी भाजपा को हरा कर महायुति को झटका दिया। यह माना गया कि कल्याण और ठाणे में भाजपा के वोट तो शिवसेना शिंदे को ट्रांसफर हो गए थे, लेकिन भिंवडी में शिवसेना के वोट भाजपा को नहीं मिले। जानकार कहते हैं कि शिवसेना के वोट भाजपा को ट्रांसफर होना इस बार भी मुश्किल है। हर शिवसैनिक चाहे वह शिंदे के साथ हो या उद्धव के साथ बाला साहेब की पार्टी टूटने का कारण भाजपा को मानता है।
शिवसेना टूटने के बाद विधानसभा का यह पहला चुनाव है। इसमें भी ठाणे में शिंदे लोकसभा का प्रदर्शन दोहराते दिख रहे हैं, लेकिन वह 18 में से सिर्फ 6 सीटों पर ही लड़ रहे हैं। भाजपा ने 9 सीटें ली है। ऐसे में महायुति को फायदा होगा या नहीं, मतदाता साफ-साफ कुछ कह नहीं पा रहा। कुल 6 सीटों पर लड़ रही शिंदे सेना का 5 पर मुकाबला उद्धव से है। 9 सीटों पर लड़ रही भाजपा 4 सीटों पर शिवसेना उद्धव को चुनौती दे रही है। दस सीटों पर लड़ रही उद्धव सेना शेष एक सीट पर राज ठाकरे की एमएनएस से भिड़ रही है, जहां महायुति ने अपना कोई प्रत्याशी न उतार कर दसों सीटों पर उद्धव की तगड़ी घेराबंदी की है। हालांकि चुनाव नजदीक आते-आते महायुति में सीएम फेस को लेकर भाजपा के रुख में आए बदलाव से अघाड़ी थोड़ी राहत में है। शिंदे और भाजपा के बीच आपस में वोटों के हस्तांतरण पर सवाल उठने से महायुति की ठाणे की बढ़त कम होती दिख रही है।
ठाणे, भिवंडी, कल्याण के सघन दौरे में ज्यादातर मतदाताओं ने शिवसेना को पसंद करने की बात कही। ज्यादातर सीएम एकनाथ शिंदे के पक्ष में बोले। पुष्पा भोसले ने कहा, खूब काम हुए हैं शिंदे की सरकार में। कोई समस्या नहीं है यहां। महंगाई क्या अब नई आई है। लाडकी बहना योजना का पूछा तो बोली, इससे फर्क पड़ेगा। पैसा किसको बुरा लगता है। सब खुश हैं। शिंदे साहब फिर सीएम बनेंगे इस सवाल पर पुष्पा थोड़ी रुकी फिर बोली, बनने ही चाहिए। लेकिन बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही श्वेता बालानी ने सवाल किया कि सरकार ने चुनाव की हड़बड़ी में काफी संख्या में ऐसी महिलाओं के खाते में भी पैसे डाल दिए हैं, जो सक्षम हैं और टैक्स देती हैं। आपको पैसा मिला क्या, के सवाल पर वह बोली आवेदन तो किया था लेकिन पैसा नहीं आया। अब कह रहे हैं चुनाव के बाद आएगा।
Published on:
17 Nov 2024 07:23 pm
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