
कोर्ट (File Photo)
पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले की एक अदालत ने बुधवार को एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है। व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। कोर्ट ने यह फैसला इस जघन्य अपराध के 15 महीने के भीतर सुनाया। आसनसोल स्थित विशेष यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अदालत की न्यायाधीश सुपर्णा बंदोपाध्याय ने 16 गवाहों की गवाही और बेटी के शरीर में पिता के डीएनए की मौजूदगी के साक्ष्य के बाद यह फैसला सुनाया है।
इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सरकारी वकील सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि न्यायाधीश ने 16 लोगों की गवाही लेने के एक साल और तीन महीने के भीतर आरोपी पिता को दोषी ठहराया। यह घटना बीते साल 13 मई को आसनसोल के हीरापुर पुलिस स्टेशन के नरसिंहबंध इलाके में घटी थी।
लड़की की मां ने 15 साल की बच्ची को बिस्तर पर पड़ा देखा, उसके नाक और कान से खून बह रहा था। यह देखकर वह घबरा गई और चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर पड़ोसी जाग गए और दौड़कर उसके घर पहुंचे। पीड़िता की गर्दन पर भी निशान था। उस समय मां ने शिकायत की थी कि उसके पति ने उसे अस्पताल ले जाने से रोका था। पड़ोसी जबरन बच्ची को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि नाबालिग की हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया। इसके बाद बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर आरोपी पिता को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
पिता से पूछताछ और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद, पुलिस को पता चला कि नाबालिग के साथ बलात्कार किया गया था। इसके बाद रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई रस्सी भी घर के पास एक कूड़ेदान से बरामद कर ली।
आसनसोल की अदालत ने सोमवार को सभी सबूतों और 16 लोगों की गवाही के आधार पर पिता को दोषी ठहराया और आज न्यायाधीश ने सजा की घोषणा की। सरकारी वकील चट्टराज ने बताया कि पीड़िता के गुप्तांगों पर आरोपी का डीएनए मिला था। उन्होंने आगे कहा कि बिस्तर की चादर पर कई सबूत मिले थे। अदालत ने पीड़िता की मां के बयान, जांच अधिकारी, डॉक्टरों के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी को मौत की सज़ा सुनाई।
Updated on:
06 Aug 2025 07:54 pm
Published on:
06 Aug 2025 07:47 pm
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