
Manufacturing Sector: देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर सितंबर, 2024 में 8 महीने के निचले स्तर पर आ गई। उत्पादन में सुस्ती का कारण फैक्ट्री उत्पादन और बिक्री में नरमी आना है। सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई 56.5 पर आ गया, जो अगस्त में 57.5 पर था। कंज्यूमर और कैपिटल गुड्स सेगमेंट में ग्रोथ की रफ्तार सुस्त हुई। केमिकल, पैकेजिंग, प्लास्टिक और मेटल की कीमतें बढऩे से कंपनियों की लागत भी बढ़ी है। नई नियुक्ति की ग्रोथ भी सितंबर में घटी है, पर वर्ष 2022-23 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार के अवसर 7.6 प्रतिशत बढ़े। केंद्र सरकार की ओर से जारी एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज (एएसआई रिपोर्ट) के मुताबिक, इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022-23 में रोजगार बढ़कर 1.84 करोड़ हो गया है, जो 2021-22 में 1.72 करोड़ था। साथ ही कर्मचारियों की औसत सालाना सैलरी भी 5.5 प्रतिशत बढ़ी।
सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार सुस्त रहा। 8 माह के निचले स्तर 56.6 पर पीएमआई, पर 2022-23 में रोजगार के अवसर बढ़े। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में 55 प्रतिशत रोजगार के अवसर बढ़े। 2022-23 में इंडस्ट्रियल आउटपुट, मेटल, पेट्रोलियम, खाद्य उत्पाद, केमिकल और मोटर वाहन इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा 21.5 प्रतिशत वृद्धि हुई।
वर्ष संख्या ग्रोथ रेट
2018-19 1.60
2019-20 1.70 1.8 फीसदी
2020-21 1.61 -3.6 फीसदी
2021-22 1.72 7.5 फीसदी
2022-23 1.84 7.6 फीसदी
(कर्मचारियों की संख्या करोड़ में)
वर्ष सालाना वेतन इजाफा
2018-19 1.69
2019-20 1.75 4 फीसदी
2020-21 1.77 0.8 फीसदी
2021-22 1.94 10 फीसदी
2022-23 2.05 5.5 फीसदी
वर्ष कुल उत्पादन ग्रोथ रेट
2018-19 34.7
2019-20 36.4 4.9 फीसदी
2020-21 36.9 1.4 फीसदी
2021-22 37.3 1.1 फीसदी
2022-23 41.2 10.5 फीसदी
(कुल उत्पादन की वैल्यू लाख करोड़ रुपए में)
माह मैन्युफैक्चरिंग
अप्रेल 58.8
मई 57.5
जून 58.3
जुलाई 58.1
अगस्त 57.5
सितंबर 56.5
Published on:
02 Oct 2024 12:12 pm
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