Mark Zuckerberg AI Hiring: भारतीय बेरोजगारों की नौकरी या एआई स्टार्टअप ( AI Jobs) के लिए खुशखबरी और एक सुनहरा मौका है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg AI Hiring) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ में बाज़ी मारने के लिए कमर कस ली है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जुकरबर्ग दुनिया के सबसे बेहतरीन AI शोधकर्ताओं और इंजीनियरों को अपने साथ जोड़ने के लिए ₹860 करोड़ ($100 मिलियन) तक के वेतन पैकेज ऑफर (High package offer) कर रहे हैं। उन्होंने इस काम के लिए व्यक्तिगत रूप से कई वैज्ञानिकों और टेक एक्सपर्ट्स को ईमेल भी किए हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, मार्क जुकरबर्ग एक बिल्कुल नई "सुपरइंटेलिजेंस" AI लैब बना रहे हैं, जो मेटा की AI रणनीति का भविष्य तय करेगी। इस लैब में शामिल करने के लिए वे दुनिया की टॉप AI प्रतिभाओं को सीधे व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क कर रहे हैं -न कोई HR टीम, न कोई प्रोसेस -सिर्फ खुद जुकरबर्ग।
जिन लोगों से जुकरबर्ग संपर्क कर रहे हैं, उनमें रिसर्चर्स, इंजीनियर्स, वैज्ञानिक और यहां तक कि AI स्टार्टअप के फाउंडर भी शामिल हैं। इस लिस्ट में से कुछ को 100 मिलियन डॉलर (लगभग ₹860 करोड़) तक का वेतन या इक्विटी पैकेज ऑफर किया गया है। यह टेक इंडस्ट्री में अब तक की सबसे महंगी भर्तियों में गिना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ज़करबर्ग इन विशेषज्ञों को इतना ज़्यादा पैसा देने को तैयार हैं, जिससे गूगल, ओपनएआई और एंथ्रॉपिक जैसे प्रतिद्वंद्वी भी हैरान हैं।
ज़करबर्ग सिर्फ नौकरी के लिए लोगों को नहीं बुला रहे, बल्कि AI कंपनियों को खरीदने की कोशिश भी कर रहे हैं। उन्होंने AI सर्च स्टार्टअप Perplexity को खरीदने की पेशकश की है, जिसके सह-संस्थापक भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास हैं।
इसके अलावा उन्होंने AI कंपनी Scale AI और इसके युवा सीईओ एलेक्जेंडर वांग में भारी निवेश किया है। बताया जा रहा है कि Scale में ज़करबर्ग की हिस्सेदारी $14 बिलियन (लगभग ₹1.1 लाख करोड़) तक पहुंच गई है।
जिन लोगों को जुकरबर्ग ने सीधा मेल भेजा, उनमें से कई को शुरुआत में भरोसा ही नहीं हुआ कि ये असली मार्क जुकरबर्ग हैं। कुछ ने मेल का जवाब तक नहीं दिया, तो कुछ ने इसे "स्पैम" मानकर इग्नोर कर दिया।
जिन लोगों ने इस ऑफर को ठुकराया, उनका कहना है कि जुकरबर्ग के पास "50 लोगों की एक AI टीम" बनाने का आइडिया तो है, लेकिन कोई स्पष्ट योजना या उत्पाद रोडमैप नहीं है। इसलिए टॉप AI टैलेंट अभी तक उनकी ओर आकर्षित नहीं हो पाया है।
खबर है कि ज़करबर्ग ने ओपनएआई के सह-संस्थापक इल्या सुत्सकेवर और अन्य प्रमुख कर्मचारियों से भी संपर्क किया, लेकिन सैम ऑल्टमैन का दावा है कि “मेरे सबसे अच्छे लोगों ने मेटा जॉइन नहीं किया।”
यह पहला मौका है जब कोई टेक सीईओ खुद ईमेल कर के भर्ती की कोशिश कर रहा है। क्यों कि ₹860 करोड़ जैसे पैकेज से AI प्रतिभा की वैल्यू का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इससे पता चलता है कि AI युद्ध अब केवल टैलेंट की लड़ाई है, जहां हर कंपनी बेस्ट ब्रेन के लिए बड़ी रकम झोंक रही है।
फिलहाल गूगल, ओपनएआई और एंथ्रॉपिक जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अग्रणी हैं, लेकिन जुकरबर्ग का यह बड़ा दांव - चाहे वो टैलेंट खरीदना हो या कंपनियां - निश्चित रूप से मेटा को इस दौड़ में और मजबूत कर सकता है।
Updated on:
24 Jun 2025 07:58 pm
Published on:
24 Jun 2025 07:57 pm