केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) ने विद्यार्थियों (Student) की कोचिंग (Coaching) पर निर्भरता को कम करने और कोचिंग से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए 9 सदस्यों की एक कमेटी (committee) का गठन किया है। यह कमेटी सरकार को सुझाव देगी कि कैसे मौजूदा शिक्षण व्यवस्था में बदलाव किया जाए, ताकि स्टूडेंट की कोचिंग पर निर्भरता कम हो। इस संबंध में हाल ही में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है।
कमेटी के अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी होंगे। इसके साथ ही सीबीएसई के अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव, आइआइटी मद्रास, आइआइटी कानपुर, एनआइटी त्रिची, एनसीइआरटी के प्रतिनिधि, एक सदस्य केंद्रीय विद्यालय से स्कूल के प्रिंसिपल, एक नवोदय विद्यालय से, एक सदस्य निजी विद्यालय के प्रतिनिधि व उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव इस कमेटी में शामिल होंगे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों देशभर के स्कूलों में डमी कल्चर का दौर बढ़ा है। छात्र स्कूल छोड़कर कोचिंग में पढ़ाई करते हैं। उनका मानना है कि कोचिंग की तैयारी से ही प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुआ जा सकता है।
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नोटिफिकेशन के अनुसार नवगठित कमेटी वस्तुत: स्कूली शिक्षा की उन खामियों का अध्ययन करेगी, जिनके तहत विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए कोचिंग संस्थानों पर निर्भर होना पड़ता है। स्कूली शिक्षा में रट्टा मारने की प्रवृत्ति को समाप्त करने तथा स्कूली शिक्षा को तर्क-आधारित, विश्लेषणात्मक एवं रुचिकर बनाने के लिए आवश्यक नवाचारों पर भी कमेटी विचार करेगी। कमेटी की ओर से 'डमी स्कूल कल्चर' के बढ़ते प्रभाव के कारणों का भी अध्ययन किया जाएगा तथा इस समस्या के संभावित समाधानों पर भी विचार किया जाएगा।
Published on:
20 Jun 2025 09:50 am