
Waqf Act SC Hearing: वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। इससे पहले बुधवार को भी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान केंद्र सरकार और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलीले दी थी। वहीं गुरुवार को केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा है। वहीं अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया है। हालांकि तब तक वक्फ बोर्ड यूजर से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी और बोर्ड में किसी भी तरह की नियुक्ति नहीं होगी। SC ने कहा कि याचिकाकर्ता केंद्र के जवाब पर 5 दिन में प्रत्युत्तर दाखिल कर सकते हैं। जिसके बाद वह मामले को अंतरिम आदेश के लिए सूचीबद्ध कर देगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 70 से अधिक याचिकाओं की जगह सिर्फ 5 याचिकाएं ही दायर की जाए। उन्हीं पर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता मुख्य बिंदुओं पर अपनी सहमति बनाएं। न्यायालय ने 1995 और 2013 के पहले के वक्फ कानूनों को चुनौती देने वाले हिंदू पक्षों द्वारा दायर मामलों को भी अलग कर दिया।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं। कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा और 'वक्फ बाय यूजर' को हटाया नहीं जा सकता। जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए एक रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था। इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा ने कहा SC ने रोक नहीं लगाई है। भारत के सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि नए संशोधन अधिनियम के तहत परिषद या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि सरकार अगली तारीख तक उन संपत्तियों (वक्फ-बाय-यूजर) को डी-नोटिफाई नहीं करेगी जो रजिस्टर्ड और गजटेड हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि आप संसद द्वारा पारित कानून पर रोक नहीं लगा सकते और केंद्र रोजाना सुनवाई के लिए तैयार है। इस मुद्दे को 5 मई के लिए सूचीबद्ध किया गया है, और उसी दिन सुनवाई शुरू होगी।
Updated on:
17 Apr 2025 09:21 pm
Published on:
17 Apr 2025 03:11 pm
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