
CPI(M) सांसद जॉन ब्रिटास (Photo-IANS)
मोदी सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलकर वीबी जी राम जी (VB-G-RAM-G) कर दिया है। विपक्ष ने मनरेगा के नाम बदलने पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। वहीं CPI(M) सांसद जॉन ब्रिटास ने ऐसा दावा किया है, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। सांसद ब्रिटास ने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय नोटों से महात्मा गांधी की फोटो को हटाने पर विचार कर रही है।
सांसद जॉन ब्रिटास ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का असली निशाना महात्मा गांधी हैं, न कि पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू। सांसद ने आगे कहा कि राष्ट्रपिता के खिलाफ केंद्र सरकार इसलिए है क्योंकि वे हिंदू राष्ट्र के समर्थक नहीं थे।
उन्होंने कहा कि नोटों से राष्ट्रपिता की तस्वीर को हटाने के मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक पहले ही हो चुकी है। सांसद ने आगे कहा कि यह अब महज अटकलबाजी नहीं है। मुद्रा से गांधी जी की फोटो हटाना राष्ट्र के प्रतीकों को एक बार फिर से परिभाषित करने के प्रयास का हिस्सा है।
इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया कि नोटों के डिजाइन पर निर्णय लेने का अधिकार आरबीआई के पास है, जो कि केंद्र सरकार से परामर्श करके लिया जाता है। इससे पहले 2022 में RBI ने उन खबरों का खंडन किया था जिनमें कहा गया था कि भारतीय करेंसी से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाई जाएगी।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक, 2025 पेश किया गया था। जिसमें महात्मा गांधी का नाम हटा दिया गया है और मनरेगा स्कीम में कई बदलाव किए हैं।
वहीं विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर मनरेगा का नाम बदलने पर महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह चिंता भी व्यक्त की कि नए कानून ने एमजीएनआरईजीए को कमजोर कर दिया है, जिसे वे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बताते हैं।
Published on:
23 Dec 2025 04:14 pm
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