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NCERT की किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटाएगी मोदी सरकार! शिक्षा मंत्री बोले- मैकाले की विचारधारा…

NCERT: कांग्रेस का पाप का घड़ा भर चुका है और आजकल जो 'झूठे संविधान प्रेमी' बनकर घूम रहे हैं।

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केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस समेत इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने आरोप लगाया है कि चुनाव में सफलता न मिलने से परेशान भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने बच्चों की पाठ्यपुस्तकों में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है। विपक्ष के द्वारा इस तरह का आरोप लगाने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुद इसकी सच्चाई बताई है।

झूठ फैलाने से पहले सच जानने की कोशिश करनी चाहिए-शिक्षा मंत्री

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली बार एनसीईआरटी ने पाठ्यपुस्तकों में भारत के संविधान के विभिन्न पहलुओं— प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, राष्ट्रगान, को उचित महत्व और सम्मान देने का काम किया है। बच्चों के समग्र विकास के लिए NEP के दृष्टिकोण का पालन करते हुए इन सभी पहलुओं को age-appropriate विभिन्न चरणों की पाठ्यपुस्तकों में रखा जा रहा है। लेकिन, शिक्षा जैसे विषय को भी अपने झूठ की राजनीति के लिए इस्तेमाल करना और इसके लिए बच्चों का सहारा लेना कांग्रेस पार्टी की घृणित मानसिकता को दिखाता है। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले और भारतीय शिक्षा व्यवस्था को बकवास बताने वालों को झूठ फैलाने से पहले सच जानने की कोशिश करनी चाहिए।

भारत के विकास से घृणा करती है कांग्रेस

मैकाले की विचारधारा से प्रेरित कांग्रेस शुरू से ही भारत के विकास और शिक्षा व्यवस्था से घृणा रखती है। यह तर्क कि केवल संविधान की प्रस्तावना ही संवैधानिक मूल्यों का प्रतिबिंब है, कांग्रेस की संविधान की समझ को उजागर करता है। कांग्रेस का पाप का घड़ा भर चुका है और आजकल जो 'झूठे संविधान प्रेमी' बनकर घूम रहे हैं और संविधान की प्रति लहरा रहे हैं, इनके पूर्वजों ने ही बार-बार संविधान की मूल भावना की हत्या करने का काम किया था।

क्षुद्र राजनीति करना बंद करे कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी में अगर थोड़ी सी भी शर्म और आत्मग्लानि बची हो तो पहले संविधान, संवैधानिक मूल्यों और NEP को समझे और देश के बच्चों के नाम पर अपनी क्षुद्र राजनीति करना बंद करे।

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