
Motor Insurance: मोटर इंश्योरेंस वाहनों की खास श्रेणियों के लिए बेचा जाता है। अगर आप निजी कार के लिए बीमा ले रहे हैं तो आपसे निजी इस्तेमाल के हिसाब से ही प्रीमियम वसूला जाएगा। एको इंश्योरेंस के चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर अनिमेष दास ने कहा, अगर आप अपनी कार को टैक्सी की तरह इस्तेमाल करते है और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं तो आपका दावा नहीं माना जाएगा। वहीं, एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस के निदेशक पार्थनील घोष ने कहा, यदि कोई पॉलिसीधारक अपनी पॉलिसी का गलत फायदा लेने के लिए फर्जी दावा करता है तो बीमा कंपनी क्लेम को खारिज कर देगी। साथ ही अगर क्लेम पॉलिसी की जोखिम अवधि खत्म होने के बाद किया गया है तो भी कंपनी आपको क्लेम नहीं देगी।
थर्ड पार्टी बीमा के बगैर गाड़ी चलाने पर भी दावे खारिज हो सकते हैं। पॉलिसीबाजार के संदीप सराफ ने बताया, मोटर यान अधिनियम के मुताबिक हरेक ग्राहक के पास वैध थर्ड पार्टी बीमा होना चाहिए। अगर ग्राहक उसके बगैर दावा करता है तो क्लेम खारिज कर दिया जाएगा। अगर रजिस्ट्रेशन के बगैर या शराब पीकर या वैध लाइसेंस के बगैर गाड़ी चलाते हैं तो भी आपका दावा खारिज हो सकता है। अगर आप नो क्लेम बोनस की गलत जानकारी देते हैं और प्रीमियम कम करा लेते हैं तो भी आपका दावा खारिज हो सकता है। इसे तथ्यों की गलत जानकारी देना माना जाएगा।
अगर दुर्घटना में कार के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और आपके पास स्टैंडर्ड मोटर बीमा पॉलिसी है तो बीमा कंपनी पूरा बिल नहीं चुकाएगी। वह डेप्रिसिएशन करेगी यानी आपको पूरे बिल का 25-30 फीसदी अपनी जेब से चुकाना पड़ सकता है। जिन ग्राहकों के पास कॉम्प्रिहेंसिव (थर्ड पार्टी और ओन डैमेज) बीमा है, उनके दावे भी कुछ मामलों में खारिज हो सकते हैं। अगर आपके पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है और कार को कोई नुकसान पहुंचता है तो इस बीमा के जरिए कार को हुए नुकसान की भरपाई नहीं होगी। थर्ड पार्टी बीमा से दुर्घटना में किसी अन्य व्यक्ति या दूसरों की संपत्ति को हुए नुकसान की ही भरपाई होती है।
अगर आप ऐसे इलाके में कार चला रहे हैं, जहां पानी भरा है और पानी कार की इंजन में घुसकर उसे जाम कर देता है तो स्टैंडर्ड बीमा पॉलिसी आपके किसी काम नहीं आएगी। आपका दावा तभी माना जाएगा, जब आपके पास इंजन प्रोटेक्ट ऐड-ऑन होगा। इसलिए कॉम्प्रिहेंसिव वाहन बीमा खरीदना चाहिए और उसके साथ रोड साइड असिस्टेंस, रिटर्न टु इनवॉयस, इंजन प्रोटेक्ट, जीरो डेप्रिसिएशन जैसे ऐड-ऑन जरूर ले लेने चाहिए।
-यातायात नियमों का उल्लंघन करने से बचें, तेज गति में कार चलाना, ओवरटेक करना, गलत साइड पर गाड़ी चलाना और क्षमता से ज्यादा लोगों को गाड़ी में भरना ऐसी चूक हैं, जिनसे बचना चाहिए।
-ऐसे किसी व्यक्ति को अपनी गाड़ी नहीं चलाने दें, जिसके पास वैध लाइसेंस नहीं है। दुर्घटना होने के 24 से 72 घंटों के भीतर इसकी जानकारी बीमा कंपनी को दे देनी चाहिए।
-अगर वाहन में बदलाव करते हैं मसलन सीएनजी किट लगाते हैं तो बीमा कंपनी को जरूर बता दें। जो भी बदलाव किए हैं, वे गाड़ी के आरसी में चढ़वाएं और इसकी जानकारी बीमा कंपनी को दें।
-गाड़ी को पहले हुए किसी नुकसान का दावा इस बार के नुकसान के साथ करने की कोशिश न करें। बीमा कंपनी को बताए बगैर मरम्मत न कराएं। दुर्घटना में क्षतिग्रस्त कार को चलाकर न ले जाएं, क्रेन के जरिए उसे सर्विस सेंटर पहुंचवाएं।
Published on:
10 Aug 2024 08:26 am
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