
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वैरी का असर दूसरे सांसदों पर शीतकालीन सत्र में देखने को मिलेगा। बता दें कि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक लोकसभा पोर्टल या उसके ऐप पर पासवर्ड और OTPs शेयरिंग नहीं हो पाएगी। सदन में पूछने के लिए सवाल फाइल करना, ट्रेवल बिल जमा करना, यहां तक कि ईमेल एक्सेस करना भी मुश्किल होने वाला है।
किसी के साथ शेयर नहीं करे सकेंगे लॉगइन-पासवर्ड
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद अपने पर्सनल असिस्टेंट और सेक्रटरी के साथ अपने ऑफिशियल मेल और लोकसभा पोर्टल का लॉगइन-पासवर्ड शेयर नहीं कर सकेंगे। हालांकि, सचिवालय की तरफ से अब तक इसे लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। लोकसभा सांसद अब खुद ही अपने संसदीय मामलों को हैंडल करेंगे, लेकिन समय की किल्लत को देखते हुए यह संसदों के लिए यह मुश्किल काम हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि सांसद इतना कर सकते हैं कि वह अपने पीए और सेक्रेटरी के साथ बैठकर काम पूरा करवाएं।
पोर्टल पर क्या-क्या करना होता है?
लोकसभा सचिवालय ने डिजिटल संसद पोर्टल और ऐप्स से MP के सचिवों और निजी सहायकों का एक्सेस डिसेबल कर दिया है। इससे सांसदों के रूटीन काम जैसे- संसद में पूछे जाने वालों सवालों का सबमिशन, ईमेल एक्सेस और TA बिल सबमिट करने - भी फंस सकते हैं। अब इन सबका एक्सेस केवल सांसद के पास होगा। हालांकि, इस बारे में सचिवालय ने अभी तक आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है।
क्या है कैश फॉर क्वैरी
भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि महुआ मोइत्रा ने अपने बिजनेसमैन दोस्त दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी से जुड़े सवाल पूछे। महुआ पर आरोप लगे कि दर्शन हीरानंदानी के साथ उन्होंने लोकसभा पोर्टल का लॉगइन पासवर्ड शेयर किए। पोर्टल पर सवाल हीरानंदानी ही डालते थे। इसके बदले में महुआ मोइत्रा पर महंगे गिफ्ट और पैसे लेने का भी पर आरोप लगा।
Published on:
23 Nov 2023 08:31 pm
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