
500 girl students will get the facility of study and residence
National Girl Child Day 2023: किसी समाज के विकसित होने के लिए वहां की लड़कियों का काबिल होना जरूरी माना जाता है। यदि लड़कियां काबिल होंगी तो आने वाली पीढ़ी भी बेहतर होगी। लड़कियों को स्वस्थ वातावरण में आगे बढ़ाने के लिए सरकारें कई तरह की योजनाएं चलाती हैं। जिसका असर भी अब दिखने लगा है। अब हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। हालांकि अभी भी पित्तृसत्तात्मक व्यवस्था के कारण कई लड़कियों बुनियादी अधिकारों और सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है। भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी कई कुरीतियों के कारण अभी भी लड़कियों को आगे बढ़ने से रोका जाता है। बालिकाओं के खिलाफ होने वाली इन कुरीतियों के अंत और किशोरियों को समाज के प्रथम पायदान पर लाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। 2009 में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। तब से हर साल 24 जनवरी का दिन बालिकाओं के लिए समर्पित रहता है।
इंदिरा गांधी से जुड़ा राष्ट्रीय बालिका का इतिहास
बालिका दिवस का इतिहास देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा है। 1966 में जब इंदिरा गांधी पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं तो उनका शपथ ग्रहण समारोह 24 जनवरी को ही हुआ था। यह दिन भारत के इतिहास में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अहम है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाने का फैसला लिया गया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के उद्देश्य
भारत में बालिकाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने, किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और करियर के लिए मार्ग बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करना है। इस दिन केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ की संख्या यूनिसेफ की ओर से कई तरह के कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
बालिकाओं के विकास में यूनिसेफ की भूमिका
यूनिसेफ बच्चों, किशोरियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है। भारत में किशोरियों की स्थिति को मजबूत करने और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की किलकारी योजना में यूनिसेफ का भी सहयोग रहा। इस योजना के तहत कई किशोरियों को अपने सपने पूरे करने और करियर बनाने का मौका मिला। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी यूनिसेफ कार्य कर रहा, साथ ही बाल विवाह जैसी कुरीति को खत्म करने की दिशा में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।
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Published on:
24 Jan 2023 10:17 am
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