
नमो भारत ट्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी यूपी पुलिस।
Namo Bharat Train Security: राष्ट्रीय राजधानी से विभिन्न राज्यों को जोड़ने वाली सेमी हाईस्पीड रीजनल ट्रेन नमो भारत की सुरक्षा अभेद्य बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) के तकरीबन 250 जवान इस कॉरिडोर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। इन जवानों को सुरक्षा के लिहाज से CISF यानी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स कमांडो ट्रेनिंग दे रही है। यह (CISF) वही फोर्स है, जो दिल्ली मेट्रो और संसद भवन जैसे महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है।
नमो भारत कॉरिडोर में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की ट्रेनिंग का पहला बैच भी शुरू हो गया है। यह प्रशिक्षण CISF के 'कवच' ट्रेनिंग सेंटर में दिया जा रहा है। इसमें फिलहाल UPSSF के 40 जवान हिस्सा ले रहे हैं। इसमें एक कमांडेंट रैंक का अधिकारी भी है। इन 40 जवानों को अगले छह दिन तक जिन विषयों में ट्रेंड किया जाएगा, उनमें एक्स-रे बैगेज स्कैनिंग सिस्टम (X-BIS) समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल शामिल है।
CISF के 'कवच' ट्रेनिंग सेंटर में चल रहे प्रशिक्षण में फिलहाल 40 जवान शामिल हैं। इसके अलावा NCRTC ने यूपी पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के कुल 240 जवानों की चरणबद्ध ट्रेनिंग डिटेल मांगी है। यह प्रशिक्षण पूरा होने के बाद नमो भारत कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था विश्व स्तरीय स्तर की हो जाएगी। दरअसल, नमो भारत देश की पहली सेमी हाईस्पीड रीजनल रेल है, जो फिलहाल दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख शहरों को तेज और लगाताार चलने वाली ट्रेनों से जोड़ेगा। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर और दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर प्रमुख हैं।
नमो भारत नेटवर्क के तहत अभी तीन कॉरिडोर डेवलप करने पर काम चल रहा है। इसमें से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 55 किलोमीटर हिस्से में नमो भारत ट्रेन दौड़ रही है। रेलवे सूत्रों की मानें तो सितंबर 2025 में दिल्ली के सराय काले खां से गाजियाबाद के मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर की दूरी ट्रायल रन में एक घंटे से कम समय में पूरी हुई थी। बाकी हिस्सों पर भी ट्रायल चल रहा है और जल्द पूरा कॉरिडोर शुरू हो जाएगा।
CISF का कवच प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली मेट्रो के स्क्रीनर्स को प्रशिक्षित करता है और संसद भवन जैसे अति-संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए विशेष पाठ्यक्रम संचालित करता है। इसके साथ ही यहां फर्स्ट रिस्पॉन्डर एवं रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी कराई जाती है। पूर्व में विदेश मंत्रालय के सुरक्षा कर्मियों तथा ITBP के जवानों ने भी इसी केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। हाल ही में पटना मेट्रो के लिए बिहार सशस्त्र पुलिस को भी यहां प्रशिक्षण दिया गया।
Published on:
30 Dec 2025 04:38 pm
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