वहीं सोनिया से ईडी की पूछताछ और राजघाट पर सत्याग्रह की इजाजत ना मिलने के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले गुब्बारे उड़ाकर अपना विरोध जताया।
21 जुलाई को सोनिया गांधी से पूछताछ की थी, जो कि लगभग 3 घंटे तक चली थी. इस दौरान उनसे 28 सवाल किए गए थे। वहीं इसी मामले में उनके बेटे और यंग इंडिया के एक और साझेदार राहुल गांधी से ईडी 50 घंटे पूछताछ कर चुकी है।
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सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस नेता अजय माकन ने प्रेस वार्ता के जरिए कहा कि, इस पूछताछ के विरोध में कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन कर रही है। यही नहीं दिल्ली स्थिति राजघाट पर हमने सत्याग्रह करने का फैसला किया था। बहुत दुख की बात है कि भारत सरकार ने प्रमुख विपक्षी पार्टी को सत्याग्रह से मना कर दिया।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पुलिस कमिश्नर से बात की अधिकारियों से बात की बावजूद इसके इजाजत नहीं दी गई। ये लोकतंत्र की हत्या है। मोदी सरकार लोगों की आवाज दबाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि, अगर राजघाट पर ही सत्याग्रह नहीं किया जा सकता है तो ये सीधे-सीधे लोकतंत्र की हत्या है।
देश की जनता को यह कहना चाहते हैं बीजेपी की सरकार को समझाना चाहते हैं लोकतंत्र के दो पहिए होते हैं रूलिंग पार्टी और विपक्ष, एक भी पहिया रुक गया तो लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी। ऐसे में दोनों पहियों को घूमने दें।
मनी लॉन्ड्रिंग के केस के लिए बुलाने की जरूरत ही नहीं है। 10 वर्ष पहले ही ईडी ने इस केस को खत्म कर दिया था। अब दोबारा इस केस को जिंदा करके सिर्फ यही वजह कि सरकार विपक्ष पर दबाव बना सके ताकि विपक्ष किसान, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को ना उठा सके। इसलिए ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
सत्याग्रह करने का हमारा मूलभूत अधिकारी छीना जा रहा है। लोकतंत्र के इस प्रहार के खिलाफ कांग्रेस सत्याग्रह कर रही है। देशभर के कांग्रेस मुख्यालयों में ये सत्याग्रह किया जा रहा है। संसद में हमारे सांसद इस मुद्दे पर सवाल उठाएंगे।
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