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Jammu Kashmir Politics: जम्मू कश्मीर में बना नया गठबंधन, जानें कौन-कौन सी पार्टी हुई शामिल

Jammu Kashmir Politics: सोमवार को जम्मू कश्मीर में नए गठबंधन की सज्जाद लोन ने घोषणा की। इस दौरान सज्जाद लोन ने कहा कि जम्मू कश्मीर की आवाम ने बहुत कष्ट सहे हैं और हम बदलाव लाना चाहते है।

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जम्मू

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Ashib Khan

Jun 30, 2025

जम्मू कश्मीर में नया गठबंधन (Photo-IANS)

Jammu Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सोमवार को एक नया मोड़ आया है। जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDF) और जमात-ए-इस्लामी गुट ने एक नए गठबंधन का ऐलान किया है। इस गठबंधन को ‘पीपुल्स अलायंस फॉर चेंज’ (PAC) नाम दिया गया है। दरअसल, इस गठबंधन का प्रभाव नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर पड़ सकता है।

नए गठबंधन की सज्जाद लोन ने की घोषणा 

बता दें कि सोमवार को जम्मू कश्मीर में नए गठबंधन की सज्जाद लोन ने घोषणा की। इस दौरान सज्जाद लोन ने कहा कि जम्मू कश्मीर की आवाम ने बहुत कष्ट सहे हैं और हम बदलाव लाना चाहते है। गठबंधन ने बंजर राजनीतिक परिदृश्य में अच्छा विकल्प पेश किया है। उन्होंने कहा कि हमारे वैचारिक मतभेदों के बावजूद, हमने समानताओं को तलाशने और एकजुटता की भावना से आगे बढ़ने का फैसला किया है। इस दौरान यासीन और शमीश अहमद थोकर भी मौजूद थे।

अनुच्छेद 370 का किया जिक्र

iगठबंधन के नेताओं ने कहा कि यह गठबंधन अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए और राज्य के दर्जे की बहाली में विश्वास करता है। गठबंधन के नेताओं ने कहा कि कश्मीरियों को शक्तिहीन करने का सबसे बड़ा हथियार जम्मू-कश्मीर में आरक्षण की व्यवस्था है।

आरक्षण का मुद्दा क्षेत्रीय

गठबंधन के नेताओं ने कहा आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था एक क्षेत्रीय मुद्दा है और यह कश्मीर के लोगों के साथ व्यवस्थित रूप से भेदभाव करती है। भर्ती विभागों द्वारा हाल ही में जारी की गई सभी सूचियां एक स्पष्ट पैटर्न को दर्शाती हैं। नब्बे प्रतिशत नौकरियां जम्मू क्षेत्र में जाती हैं। अब तक इसे क्षेत्रीय मुद्दा कहने वाली एकमात्र पार्टी जेकेपीसी रही है। जेडीएफ ने इसे क्षेत्रीय मुद्दा कहने में जेकेपीसी का साथ दिया है।

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उमर अब्दुल्ला पर क्या पड़ेगा प्रभाव

उमर अब्दुल्ला के लिए यह गठबंधन एक चुनौती बन सकता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस की पारंपरिक वोट बैंक घाटी में मजबूत रही है, लेकिन पीएसी का गठन इस वोट बैंक में सेंध लगा सकता है। सज्जाद लोन की जेकेपीसी पहले से ही उत्तरी कश्मीर में प्रभावशाली है, और जमात-ए-इस्लामी का समर्थन इसे और मजबूती दे सकता है।