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क्या अधिकारियों पर मेहरबान हैं नीतीश? चहेते अफसरों की हिस्ट्री जानिए

सीएम नीतीश कुमार पर अफसरशाही के हावी होने के आरोप लगते रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को नीतीश कुमार नहीं बल्कि सुपर सीएम डीके बॉस चला रहे हैं।

nitish kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Photo-IANS)

बिहार की सियासत (Bihar politics) गरमाने लगी है। राजद नेता तेजस्वी (Tejashwi) लगातार नीतीश कुमार (Nitish kumar) की सरकार पर अफसरशाही के हावी होने का आरोप लगाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को सुपर सीएम (Super CM) चला रहा है। बिहार में असली सत्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish) के हाथों में नहीं, बल्कि एक ‘डीके बॉस’ के पास है। सत्ता के गलियारों में कहा जाता है कि नीतीश अफसरशाही के फेवरेट सीएम हैं। नीतीश भी अफसरों की कोटरी को अपने पास जगह देते हैं। उनकी पार्टी में कई पूर्व अधिकारी शामिल हुए।

RCP टैक्स के बाद अब डीके टैक्स

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में RCP टैक्स के बाद अब डीके टैक्स का दौर आया है। उन्होंने कहा कि बिहार में न तो सीएम नीतीश कुमार की चल रही है, न ही डीजीपी और मुख्य सचिव की। बिहार को एक रिटायर्ड IAS अधिकारी चला रहे हैं। बिहार में अब डीके टैक्स चलता है। ट्रांसफर पोस्टिंग में हेरा-फेरी का खेल चलता है। काबिल अधिकारियों को किनारे कर दिया गया है।

इससे पहले उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री व जदयू अध्यक्ष रहे पूर्व IAS अधिकारी RCP सिंह का नाम लेकर हंगामा मचा दिया था। तेजस्वी ने कहा था कि बिहार में सरकारी बाबू लोग कितनी भी गलती कर लें, कितना भी गंभीर मामला हो, लेकिन उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। क्योंकि नौकरशाहों ने RCP टैक्स अदा किया है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जब सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर अफसरों के हावी होने की खबर सामने आई हो। CM नीतीश कुमार पर अक्सर ऐसे आरोप लगते रहे हैं। समय-समय पर नीतीश कुमार के बेहद करीब कई IAS अफसर रहे हैं। कुछ अधिकारियों ने बकयादा जदयू ज्वाइन किया। RCP सिंह तो केंद्र सरकार में जदयू कोटे से मंत्री बने। पूर्णिया के पूर्व DM व ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी मनीष वर्मा जदयू में महासचिव हैं।

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ये अफसर रहे हैं नीतीश के खास


  1. आमिर सुबहानी: बिहार के पूर्व मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एक समय में सीएम नीतीश के बेहद खास हुआ करते थे। रिटायरमेंट के एक महीने बाद उन्हें विनियामक बोर्ड का चेरयमैन बना दिया गया था। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर कई बार सरकार को घेरा।




  2. ब्रजेश मेहरोत्रा: बिहार के मुख्य सचिव के पद से रिटायर होने के बाद ब्रजेश मेहरोत्रा को नीतीश सरकार ने राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया।




  3. मनीष वर्मा: 2000 बैच के ओडिशा काडर के पूर्व IAS अधिकारी मनीष वर्मा भी नीतीश के बेहद करीबी रहे। बिहार में प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्हें पटना व पूर्णिया जिले की कमान सौंपी गई। रिटायर होने के बाद वह जदयू से जुड़ गए। वर्मा ने कहा था कि पहले में नीतीश के दिल में था अब उनके दल में हूं।




  4. मकसूद आलम: गोपालगंज के डीएम रहे मकसूद आलम की नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य के रूप में कर दी गई।




  5. अंजनी कुमार सिंह: पूर्व IAS अधिकारी अंजनी कुमार सिंह को सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार म्यूजियम का डायरेक्टर बनाया गया।




  6. RCP सिंह: पूर्व IAS अधिकारी RCP सिंह को नीतीश ने अपनी पार्टी जदयू का अध्यक्ष बनाया। वह दो बार राज्यसभा सांसद रहे। मोदी सरकार में जदयू कोटे से कैबिनेट मंत्री बने। जदयू से निकाले जाने के बाद वह भाजपा में गए। फिर अपनी नई पार्टी 'आसा' बनाई। पिछले महीने उन्होंने अपनी पार्टी का जनसुराज में विलय किया।

इनके अलावे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक कुमार, चंचल कुमार, संजीव हंस, कुमार रवि, चैतन्य प्रसाद, आनंद किशोर, अनुपम कुमार और एस सिद्धार्थ को भी नीतीश कुमार का खास माना जाता है।

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नीतीश ने गठित किया जमाई आयोग

तेजस्वी यादव ने बिहार में आयोगों के पुनर्गठन को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने आयोगों को जमाई आयोग करार दिया। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी, और अशोक चौधरी जैसे नेताओं के दामादों को विभिन्न आयोगों में नियुक्त किया गया है। इसमें डीके बॉस की पत्नी को भी जगह मिली है।