
परमाणु हथियार वे हथियार हैं जो परमाणु प्रतिक्रिया के सिद्धांत पर आधारित होते हैं। इन हथियारों की शक्ति (Nuclear Power) मुख्य रूप से परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) या परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया से उत्पन्न होती है। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के लिए किया जाता है। अबतक दुनिया में सिर्फ 9 देशों के पास ही परमाणु हथियार हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): अमेरिका पहला देश था जिसने 1945 में परमाणु बम का उपयोग किया था। यह दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियारों का भंडार रखने वाला देश है।
रूस (Russia): रूस, जिसे पहले सोवियत संघ के नाम से जाना जाता था, ने परमाणु हथियार विकसित किए थे और यह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े परमाणु हथियारों का भंडार रखता है।
चीन: चीन के पास भी परमाणु हथियार हैं, और यह क्षेत्रीय शक्ति के रूप में अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाता जा रहा है।
भारत: भारत ने 1974 में "स्माइली" परीक्षण के रूप में परमाणु परीक्षण किया था और बाद में अपनी परमाणु ताकत को और बढ़ाया।
पाकिस्तान: पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु परीक्षण किया और तब से परमाणु हथियारों का भंडार विकसित कर रहा है।
ब्रिटेन: ब्रिटेन के पास भी परमाणु हथियार हैं और यह NPT का सदस्य है।
फ्रांस: फ्रांस भी परमाणु हथियारों के साथ एक प्रमुख देश है और NPT का सदस्य है।
इज़राइल: इज़राइल ने कभी आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार नहीं किया कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन इसके पास परमाणु हथियार होने का व्यापक विश्वास है।
उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया ने कई परमाणु परीक्षण किए हैं और इसकी परमाणु क्षमता को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता है।
अभी तक परमाणु हथियारों की सटीक संख्या सामने नहीं आई है। क्योंकि यह रक्षा रणनीतियों और सुरक्षा के मुद्दे पर निर्भर करता है। हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और विशेषज्ञों द्वारा किए गए आकलन के आधार पर, निम्नलिखित देशों के पास अनुमानित परमाणु हथियारों की संख्या है।
परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए जो सामग्री उपयोग की जाती है, वह मुख्य रूप से यूरैनियम (Uranium) और प्लूटोनियम (Plutonium) होती है। इन तत्वों को विशेष रूप से परमाणु विखंडन (nuclear fission) प्रतिक्रिया में इस्तेमाल किया जाता है, जो परमाणु हथियारों की ऊर्जा का स्रोत होता है। ये पूरी दुनिया में पाया जाता है। हालांकि, पांच देश-ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कजाकिस्तान, नामीबिया और रूस के पास दुनिया का दो-तिहाई यूरेनियम पाया जाता है।
परमाणु हथियारों के प्रभाव अत्यधिक विनाशकारी होते हैं, जिनसे न केवल तत्काल जीवन का भारी नुकसान होता है, बल्कि दीर्घकालिक पर्यावरणीय और स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। एक परमाणु विस्फोट से उत्पन्न होने वाली विशाल ऊर्जा के परिणामस्वरूप व्यापक विनाश होता है, जिसमें इमारतें, इंफ्रास्ट्रक्चर, और अन्य संरचनाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं। विस्फोट से उत्पन्न होने वाली गर्मी और दबाव से बड़े पैमाने पर जख्म और मृत्यु होती है। इसके अलावा, रेडिएशन के प्रभाव से अनगिनत लोग कैंसर, आनुवंशिक दोष, और अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं, जो दशकों तक प्रभावित कर सकते हैं।
परमाणु हथियार बनाने में समय की अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि देश की तकनीकी क्षमता, संसाधन, और राजनीतिक परिस्थिति। यदि एक देश पूरी तरह से नए परमाणु हथियार कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है, तो इसे विकसित करने में सामान्यत: 5 से 10 साल या इससे अधिक का समय लग सकता है। एक बार कोई देश यूरेनियम संवर्धन कर ले तो वह कुछ ही महीनों में परमाणु हथियार के लिए पर्याप्त HEU का उत्पादन कर सकता है।
Published on:
11 Feb 2025 07:12 am
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