
नई दिल्ली। ओडिशा ( Odisha ) के कटक में एक बुजुर्ग महिला ने कुछ ऐसा कदम उठाया कि हर कोई दंग रह गया। दरअसल हर कोई जीवनभर दौलत कमाने में जुटा रहता है ताकि बुढ़ापे में आकर चैन की नींद सो सके और मरने के बाद उसके बच्चों को कोई तकलीफ ना हो। लेकिन कटक की एक बुजुर्ग महिला ने अपनी और अपने परिवार की 25 साल की सेवा के सम्मान में अपनी सारी संपत्ति एक रिक्शा चालक को दान में दे दी।
जिस किस ने सुना वो हैरान रह गया कि आखिर अपनी करोड़ों की संपत्ति इस महिला ने एक रिक्शा वाले को क्यों दान में दे दी।
कटक के सुताहाट की 63 वर्षीय मिनाती पटनायक ने अपना तीन मंजिला घर, सोने के गहने और अपनी सारी संपत्ति एक रिक्शा चालक बुद्ध सामल को दान कर दी है।
दरअसल बुद्ध सामल कई दशकों ने इस परिवार की सेवा करता था। बुजुर्ग महिला इस रिक्शा चाल की सेवा से इतनी ज्यादा प्रभावित हुई कि उसने अपनी करोड़ों की संपत्ति उसे दान में दे दी।
पिछले पति की हो गई थी मृत्यु
मिनाती ने पिछले साल अपने पति को गुर्दे के फेल हो जाने के कारण खो दिया था। यही नहीं उनकी बेटी की हाल में ही हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई थी। रिक्शा चालक और उसके परिवार ने 25 साल तक मिनाती और उसके पति की सेवा की थी।
मिनाती पटनायक के मुताबिक, वो अपने पति और बेटी की मृत्यु के बाद बिखर गईं और दुख में जी रही थी। मिनाती ने बताया कि, 'इस दुखद नुकसान के बाद, मेरे किसी भी रिश्तेदार ने मेरा साथ नहीं दिया। मैं पूरी तरह से अकेली थी। हालांकि, यह रिक्शा चालक और उसका परिवार मेरे मुश्किल समय में मेरे साथ खड़ा रहा और बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना मेरे स्वास्थ्य का ख्याल रखा।'
मिनाती ने कहा, 'मेरे रिश्तेदारों के पास पर्याप्त संपत्ति है। मैं हमेशा एक गरीब परिवार को अपनी संपत्ति देना चाहती थी, यही वजह है कि मैंने कानूनी रूप से सब कुछ बुद्ध सामल और उसके परिवार के नाम करने का फैसला लिया। ताकि मेरी मृत्यु के बाद उन्हें किसी तरह की तकलीफ ना हो।
मिनाती को दो बहनों ने जताई आपत्ति
बता दें कि मिनाती की तीन बहनों में से दो ने अपनी संपत्ति रिक्शा चालक और उसके परिवार को देने के उसके फैसले पर आपत्ति जताई, लेकिन मिनाती अपने फैसले से डिगी नहीं।
बुद्ध सामल के घर में उनके माता-पिता के अलावा, पत्नी और तीन बच्चे, दो बेटे और एक बेटी है।
क्या बोला बुद्ध सामल
बुद्ध सामल मिनाती को मां की मानता है। उसने कहा कि जब उन्होंने मुझे अपनी संपत्ति देने के बारे में बताया तो मैं हैरान रह गया। दो दशकों से ज्यादा समय से मैंने इस परिवार की सेवा की। जब तक जिंदा हूं उनकी सेवा करता रहूंगा।
बता दें कि मिनाती के कहने के बाद बुद्ध ने दो साल पहले रिक्शा चलाना छोड़ दिया। वह चार महीने पहले मिनाती के अनुरोध पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मिनाती के घर रहने लगा।
Published on:
15 Nov 2021 04:57 pm
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