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Odisha Train Incident : रेल हादसे के बाद मुर्दाघर में तब्दील हुआ स्कूल ढहा, छात्रों ने पढ़ने से किया था इनकार

Odisha Train Incident : ओडिशा के बालासोर जिले में हुए ट्रेन हादसे के बाद शवों को सबसे पहले 65 साल पुराने एक स्कूल की बिल्डिंग में रखा गया था। जिसके बाद से ही स्कूल के छात्र वहां पढ़ने से मना रक रहे थे। अब उस स्कूल को ढहा दिया गया है।

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Odisha Train Incident : ओडिशा के बालासोर जिले में 2 जून को हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे ने लोगों की रूह कंपा कर रख दी। इस घटना में 288 लोगों की मौत हो गई जबकि 1100 से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल हो गए। जिस समय दुर्घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया तोे बचाव दल ने मरने वालों को स्कूल के अस्थाई मुर्दाघर में रखा। हालांकि बाद में स्कूल से शव हटाकर साफ सफाई करा दी गई। लेकिन इसकी जानकारी होने के बाद स्कूल के छात्रों ने वहां पढ़ने से साफ मना कर दिया। यहां तक की अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से मना करने लगे। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने स्कूल की बिल्डिंग को ढहाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

सीएम ने दिए बिल्डिंग को ढहाने के आदेश

दरअसल, आडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों के शव को पास के बहानागा हाई स्कूल में अस्थाई मुर्दाघर बनाकर रखा गया था। जिसके बाद ही छात्रों ने स्कूल में आने से इंकार कर दिया और कहा कि हम स्कूल के ग्राउंड की उन खौफनाक तस्वीरों को नहीं भूल सकते, जब चारों तरफ लाशें ही लाशें बिछी हुई थी। जिसके बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने इस बिल्डिंग को ढहाने के आदेश दिए हैं। अब यहां एक नई इमारत बनाई जाएगी।

छात्रों ने कही ये बात

रिपोर्ट के मुताबिक, एक छात्र ने बताया कि हमारा स्कूल शवों से भरा हुआ था। हम अपने स्कूल में बिखरे हुए उन शवों की डरावनी छवियों को नहीं भूल सकते। इनमें से कई शव ऐसे थे जो कि कटे हुए थे, किसी का पैर नहीं था को वहीं किसी का हाथ कटा हुआ है। यहां तक कि अंतड़ियां भी दिखाई दे रही थीं। यही वजह है कि हम दोबारा इस स्कूल में नहीं पढ़ सकते।

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प्रबंध समिति ने किया था अनुरोध

उधर, स्कूली छात्रों द्वारा डर के चलते स्कूल लौटन से मना करने के बाद स्कूल भवन को शुक्रवार, 9 जून को ढहा दिया गया। दरअसल, 65 साल पुराने स्कूल भवन को गिराने को लेकर प्रबंध समिति ने ओडिशा सरकार से अनुरोध किया था। कहा गया था कि स्कूल की बिल्डिंग पुरानी थी और सुरक्षित नहीं थी।

नवनिर्माण के बाद स्कूल में होगी पूजा

बता दें कि स्कूल में शव रखने के बाद से ही छात्र दोबारा से स्कूल में आने से मना कर रहे थे। दरअसल, दो दिनों तक शवों को स्कूल के अस्थाई मुर्दाघर में ही रखा गया क्योंकि मृतक के परिजन मृतकों की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे। वहीं अब जब बिल्डिंग गिर चुकी है तो स्थानीय लोगों ने स्कूल में पूजा कराने का फैसला किया है। वहीं छात्रों ने भी यह उम्मीद जताई है कि स्कूल परिसर में पूजा के बाद वे बेहतर महसूस करेंगे।

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