स्वास्थ्य मंत्री ने बताई रणनीति
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हम इस संबंध में निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते। वैज्ञानिकों की सलाह पर सरकार बच्चों के टीकाकरण और बूस्टर डोज पर निर्णय लेगी। मंत्री ने लोकसभा में कोरोना की स्थिति पर मैराथन चर्चा के दौरान बताया कि विशेषज्ञ टीम बच्चों के लिए टीकाकरण और बूस्टर खुराक के बारे में फैसला करेगी और वैज्ञानिक सलाह पर आगे बढ़ेंगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्षी दलों से वैज्ञानिकों पर भरोसा करने की अपील की।
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसदों ने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज पर सरकार से स्पष्टता मांगी थी। विपक्ष ने सरकार से बच्चों के टीकाकरण के बारे में भी सवाल किया। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार इस बारे में रणनीति तैयार कर रही है। इस दौरान सरकार ने बच्चों की शिक्षा पर महामारी के प्रभाव और डिजिटल डिवाइड के बारे में भी बात की, जो आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने संसद में बताया कि हमने जोखिम वाले देशों के 16 हजार यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट अब तक किए गए हैं। इनमें से 18 कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ये यात्र ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हैं या नहीं। इसका पता लगाने के लिए इनके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग चल रही है। केंद्र सरकार ने देश को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के उपाय किए हैं। साथ ही बफर स्टाक नीति को अपनाया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी राज्यों के पास आगे कभी भी कोरोना के मामलों में इजाफा से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं हों।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस बीच भारत में जोखिम वाले लोगों का टीकाकरण करने और 40 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को बूस्टर डोज लगाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बूस्टर डोज लगाने में अधिक जोखिम और संक्रमितों के करीब रहने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।