
AIMIM के महागठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं चल रही है (Photo-Patrika)
Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। इसी बिच सियासी बिछात भी बिछने लग गई है। बिहार में एनडीए और महागठबंधन के अलावा दो और दल ऐसे है जिन पर दोनों गुटों की नजर बनी हुई है। इनमें एक जन सुराज पार्टी और दूसरा AIMIM है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक AIMIM महागठबंधन का हिस्सा हो सकती है। हालांकि अभी तक इसके बारे में आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। यदि महागठबंधन में ओवैसी की पार्टी शामिल होती है तो NDA को जरूर झटका लगेगा।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और अन्य नेताओं ने कहा है कि उनकी विचारधारा BJP को हराने और बिहार को सशक्त बनाने की है। उन्होंने महागठबंधन से उदारता दिखाने की अपील की है, ताकि मुस्लिम वोटों का बंटवारा रोका जा सके, जिससे NDA को फायदा हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक ओम प्रकाश अश्क के मुताबिक यदि ओवैसी की पार्टी महागठबंधन में शामिल होती है तो महागठबंधन को इससे फायदा होगा। AIMIM का सीमांचल में प्रभाव मजबूत है। सीमांचल क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटबैंक ज्यादा है। ऐसे में यदि ओवैसी की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनती हैं तो मुस्लिम वोट का तुष्टिकरण नहीं होगा और वोट महागठबंधन की तरफ जाएगा, इससे महागठबंधन को फायदा होगा।
राजनीतिक विश्लेषक ओम प्रकाश अश्क ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2020 में AIMIM से महागठबंधन को नुकसान हुआ था। 2020 में ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटे जीतीं थी, जिससे महागठबंधन को नुकसान हुआ था, क्योंकि मुस्लिम वोट बैंक बंट गया था। हालांकि बाद में चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे। इसके अलावा उपचुनाव में भी एआईएमआईएम से महागठबंधन को नुकसान हुआ था।
बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें है। किसी भी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की आवश्यकता है। ओम प्रकाश अश्क ने बताया कि महागठबंधन ओवैसी को शामिल तो कर सकता है, लेकिन मुख्य समस्या सीटों का बंटवारा है। फिलहाल महागठबंधन में सीटों के बंटवारों को लेकर खींचतान चल रही है, ऐसे में यदि ओवैसी को भी शामिल किया जाता है तो और खींचतान बढ़ जाएगी।
विधानसभा चुनाव 2020 में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा CPI-ML: 19 सीटों पर लड़ा और 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं CPI: 6 सीटों पर लड़ा और दो सीटों पर जीत हासिल की। CPM: 4 सीटों पर लड़ा और 2 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं विधानसभा चुनाव 2025 में मुकेश सहनी की पार्टी भी महागठबंधन का हिस्सा है। मुकेश सहनी खुद को डिप्टी सीएम भी बता रहे हैं। ऐसे में मुकेश सहनी भी अच्छी संख्या में सीटों की मांग कर रहे हैं। 2020 में कांग्रेस को छोड़कर महागठबंधन के सभी दलों ने अच्छा प्रदर्शन किया था। राजद चाहेगी कि वह 150 सीटों पर लड़े वहीं CPI-ML भी पिछली बार से ज्यादा सीटों की मांग कर रही है।
Updated on:
04 Jun 2025 08:37 am
Published on:
04 Jun 2025 06:14 am
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