एयर इंडिया में दो महीने में दूसरी घटना
एयर इंडिया की फ्लाइट में दो महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना थी। 10 अप्रैल को दिल्ली-लंदन की फ्लाइट में एक यात्री ने दो महिला केबिन क्रू सदस्यों के साथ बदसलूकी की थी। इस घटना के बाद एयरलाइन ने आरोपी व्यक्ति पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। विमान के एयरपोर्ट पर उतरने के बाद आरोपी यात्री को सीआईएसएफ कर्मियों ने हिरासत में ले लिया।
10 अप्रैल को क्या हुआ था
दरअसल, 10 अप्रैल को दिल्ली-लंदन की फ्लाइट में दो महिला केबिन क्रू सदस्यों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति पर दो साल के लिए उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया। मीडिया रिपोर्टों में 12 मई को बताया गया है। दिल्ली पुलिस ने यात्री के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एयर इंडिया के केबिन क्रू सुपरवाइजर की शिकायत पर पंजाब के 25 वर्षीय जसकीरत सिंह पड्डा की पहचान हुई है। इस घटना के संबंध में एयर इंडिया द्वारा एक आंतरिक समिति का गठन किया गया था, जिसने सर्वसम्मति से निर्णय लिया। समिति ने आरोपी पर दो साल की अवधि के लिए एयरलाइन में उड़ाने भरने पर प्रतिबंध लगा दिया।
यात्रियों के अभद्र व्यवहार पर डीजीसीए के नियम
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों में अनियंत्रित यात्री व्यवहार को तीन स्तरों में बांटा गया है। ऐसे लोगों को अलग-अलग अवधि के लिए उड़ान प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। शारीरिक इशारों, मौखिक उत्पीड़न और अनियंत्रित शराब जैसे अनियंत्रित व्यवहार को स्तर 1 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जबकि शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार जैसे धक्का देना, लात मारना या यौन उत्पीड़न को स्तर 2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जानलेवा हमले को स्तर 3 माना जाता है। अनियंत्रित व्यवहार के स्तर के आधार पर संबंधित एयरलाइन द्वारा गठित एक आंतरिक समिति यह तय कर सकती है कि किसी अनियंत्रित यात्री को उड़ान भरने से कितने समय के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है।