पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "यह दो राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष था न कि दो समुदायों के बीच। पंजाब में लोग शांति से रहते हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि हिंसक घटनाओं को किसने भड़काया। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।" ये बातें भगवंत मान ने तब कही जब वो मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे।
भगवंत मान ने आरोप लगाते हुए कहा, "विपक्ष ऐसी घटनाओं को भड़का रहा है क्योंकि वे राज्य में आम आदमी पार्टी की सफलता को नहीं देख सकते हैं, इसलिए वे इसमें शामिल हैं।"
भगवंत मान ने आरोप लगाते हुए कहा, "विपक्ष ऐसी घटनाओं को भड़का रहा है क्योंकि वे राज्य में आम आदमी पार्टी की सफलता को नहीं देख सकते हैं, इसलिए वे इसमें शामिल हैं।"
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बता दें कि ये झड़प काली माता मंदिर के बाहर उस समय हुई जब खुद को शिवसेना (बाल ठाकरे) कहने वाले एक संगठन ने 'खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च' शुरू किया था। इसके बाद निहंगों सहित कुछ सिख कार्यकर्ताओं ने शिवसेना के कार्यक्रम के खिलाफ एक और मार्च निकाला तो दोनों गुटों में झड़प हो गई। इस झड़प में 4 लोग घायल हुए थे।भगवंत मान ने कहा कि हिंसा वाले दिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा वहां मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे। पर वह वहाँ क्यों जा रहा थे?" भगवंत मान ने कहा कि इसमें शामिल किसी को भी नहीं बख्शेंगे चाहे वह कोई भी हो और जिस भी पद पर हो।