न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता प्रमोद कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सहारा को 27 अप्रैल तक का वक्त दिया था। सुनवाई के दौरान सहारा कंपनी की ओर से अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि सहारा ने ग्राहकों को पैसा लौटाने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं लेकिन कोर्ट उनकी दलीलों को नामंज़ूर करते हुए उक्त आदेश दिया।
मामले पर सुनवाई में पटना हाई कोर्ट ने सहारा कंपनी से पूछा था कि वो कैसे अपने निवेशकों का पैसा लौटाएगी, तब हाई कोर्ट ने 27 अप्रैल तक कंपनी को अपनी योजनाओं के बारे में बताने को आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था यदि आगामी 27 अप्रैल तक सहारा कंपनी द्वारा स्पष्ट रूप से कोर्ट को इस बात की जानकारी नही दी जाती है तो हाईकोर्ट इस मामले में उचित आदेश पारित करेगा, ताकि निवेशकों का पैसा उन्हें लौटाया जा सके।
अब अगली सुनवाई 11 मई, 2022 को है, जिस दौरान कंपनी के संस्थापक सुब्रतो राय को कोर्ट में खुद को पेश करने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें, बिहार के लोगों ने सहारा इंडिया की अलग-अलग स्कीम में अपना पैसा लगा रखा है। जिसमे ज्यादातर स्कीम का समय पूरा हो गया है। जिसके बाद लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला है। बिहार के कई लोगों ने शिकायत की थी कि निवेश की मैच्योरिटी की अवधि पूरा होने के बाद भी अब भी उनका पैसा उन्हें वापस नहीं मिला है। वो लगातर सहारा इंडिया की स्थानीय शाखाओं में चक्कर लगा रहे हैं। जिसके बाद इस मामले पर उन्होंने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी।