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अमित शाह बोले- PM मोदी के 400 पार के लक्ष्य को हम हासिल करेंगे, UCC लागू करना हमारे एजेंडे में

Patrika Interview: देश के गृहमंत्री अमित शाह को पूरा भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए और भाजपा 400 सीटों का लक्ष्य हासिल करेगी। चुनाव अभियान के दौरान शाह से जयपुर में राजस्थान पत्रिका के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने खास मुलाकात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश....

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Patrika Interview: देश के गृहमंत्री अमित शाह को पूरा भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए और भाजपा 400 सीटों का लक्ष्य हासिल करेगी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनके पद से इस्तीफे के सवाल पर पहली बार प्रतिक्रिया में शाह ने ईडी एक्शन को सही बताते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने कभी कल्पना नहीं की थी कि कोई सीएम जेल जाने के बावजूद इस्तीफा नहीं देगा। चुनाव अभियान के दौरान शाह से जयपुर में राजस्थान पत्रिका के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने खास मुलाकात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश....

पत्रिका: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारा दिया है, 'अबकी बार, 400 पार भाजपा इस लक्ष्य तक पहुंचेंगी कैसे? खासकर तब जब पिछली बार तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था। वहीं कई राज्यों में भाजपा ने सारी सीटें जीती थी, तो वहां उससे ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा और इस 400 के टारगेट में राजस्थान में आपको कितनी सीटों की उम्मीद है?

अमित शाह : देखिए, यह सवाल मुझसे 2019 में भी पूछा जाता था कि आप तो पहले ही सब कुछ हासिल कर चुके हैं, तो फिर कैसे 300 तक पहुचेंगे? मगर देश की जनता ने ही इसका जवाब ढूंढ लिया। अब हम बंगाल में बढ़ सकते हैं, उड़ीसा में बढ़ सकते हैं, तेलंगाना में बढ़ सकते हैं, उत्तर प्रदेश में बढ़ सकते हैं, तमिलनाडु में बढ़ सकते हैं, केरल में बढ़ सकते हैं, आंध्र प्रदेश में भी हमारा मजबूत अलायन्स है, वहां भी हम सीटें प्राप्त कर सकते हैं और मुझे विश्वास है कि गुजरात छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली में हम पूर्व की स्थिति कायम रखेंगे, कोई कमी नहीं आएगी। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी ने जो लक्ष्य रखा है, हम मजबूती से उसको हासिल करने जा रहे हैं।

पत्रिका: भाजपा में राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा चुनाव को लेकर जो एक्टिवनेस नजर आती है, वह राज्य स्तर पर गायब हो जाती है। इसके पीछे वजह क्या है? क्या कुछ नेता नाराज है?

अमित शाह : नहीं, ऐसा नहीं है। हमारे सारे लोग लगे हुए हैं। सभी लोग फील्ड में हैं। मुझे तो कहीं कोई कमी नहीं दिख रही और जो जिंदा पार्टी होती है, वहां नाराजगी होती है। जो अलोकतात्रिक पार्टियां हैं, उनमें कोई नाराजगी नहीं होती। नाराज होने की कोई हिम्मत भी नहीं करता जो नाराज होता है, उसको पार्टी निकाल बाहर करती है।

पत्रिका: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति को आपने बड़ा मुद्दा बनाया था, कन्हैयालाल की हत्या को भी जोरों से उठाया था, लेकिन भजनलाल सरकार में कन्हैयालाल के मामले में अभी तक कुछ खास प्रगति नहीं हुई। इस पर आप क्या कहेंगे?

अमित शाह : देखिए, गवर्नमेंट का एक जनरल परसेप्शन बनता है। सिर्फ कन्हैयालाल का मुद्दा नहीं था। कई जगह मंदिरों पर बुलडोजर चलाए गए। तुष्टीकरण की नीति के कारण कानून और व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे। भाजपा की सरकार बनते ही किसी की हिम्मत नहीं रही कि इस प्रकार की घटना कर सके। जहां तक कन्हैयालाल का सवाल है, केस अब एनआइए के पास है। एनआइए सख्ती से कार्रवाई कर रही है।

पत्रिका : ईआरसीपी का मुद्दा राजस्थान में लंबे समय से उठता आया है, गर्मी का मौसम भी शुरू हो चुका है। पूर्वी राजस्थान में पानी की समस्या को दूर करने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं?

अमित शाह : ईआरसीपी के मुद्दे का भी हमने समाधान कर लिया है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और भारत सरकार के बीच एमओयू भी हुआ है। इसके साथ हमने राजस्थान के तीन जिलों को प्रभावित करने वाले हरियाणा के साथ पानी के दशकों पुराने विवाद का भी एग्रीमेंट कर समाधान कर लिया है। ग्यारह जिलों के पानी के मुद्दे का भी ईआरसीपी के साथ समाधान हो जाएगा। इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की भजनलाल सरकार राजस्थान में पानी की समस्या का बहुत कम समय में हल कर बहुत ही अच्छे नतीजे लाई है। मुझे विश्वास है कि इनका हमें फायदा मिलेगा।


पत्रिका : विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में पेपर लीक, अपराध पर लगाम जैसे विभिन्न मुद्दों पर मोदी की गारंटी दी थी। अभी तक कितनी गारंटी आपकी सरकार ने पूरी की हैं?

अमित शाह : हमने राजस्थान में पेपर लीक पर बड़ी कठोर कार्रवाई की है। हमने कहा था कि एक एसआइटी बनाएंगे। एसआइटी बन चुकी है। संगठित अपराध पर भी एसआइटी चुकी है। हमने जितने भी वादे किए थे, उनको पूरा करने के लिए हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। जहां तक पेपर लीक का मामला है, राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करेगी।

पत्रिका : इन दिनों सचिन पायलट काफी एक्टिव हो गए हैं, प्रदेश और केंद्रीय राजनीति में भी वे पहले से ज्यादा मजबूत नजर आ रहे हैं क्या लगता है वे लोकसभा में बीजेपी को चुनौती दे पाएंगे?

अमित शाह : मुझे लगता है, वे तो एक्टिव होंगे पर गहलोत साहब उनका क्या करेंगे, यह मालूम नहीं है। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई अपनी चरम सीमा पर है। कांग्रेस को दो जगह चीजें ठीक होती है, तो बारह जगह पर बिगड़ती है। कोई पार्टी ऐसे में ढंग से चुनाव नहीं लड़ सकती। राजस्थान जनता को भी यह मालूम है।

पत्रिका : राजस्थान की 50% आबादी, यानी महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें महंगाई से राहत दिलाने के लिए क्या योजना है?

अमित शाह : पहले तो कानून और व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए हमारी सरकार ने बहुत से कदम उठाए। मोदी जी ने भी जो योजनाएं शुरू की, उन सब के केंद्र बिन्दु में महिलाएं ही रहीं। जैसे देश की 14 करोड़ महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था वैसे तो शौचालय घर में सबके लिए होता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को ही होता है, क्योंकि जितनी शर्मिंदगी महिलाओं को होती है, उतनी किसी की नहीं होती। मोदी जी ने गैस के सिलेंडर बांटे। यहां भाजपा सरकार ने 450 रुपए में गैस सिलेंडर का अपना वादा पूरा कर दिया। मोदी सरकार ने घर दिया तो महिलाओं के नाम पर दिया, गैस सिलेंडर दिया तो महिलाओं के नाम पर दिया। इसके साथ-साथ हमने पांच किलो अनाज भी दिया। कुल मिलाकर ढेर सारे कदम महिलाओं के लिए उठाए। हमने विधानसभाओं और लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय छुट्टी का प्रावधान दिया। उनकी तनख्वाह भी नहीं कटेगी। इस प्रकार के ढेर सारे मुद्दे हैं, जिनका वर्षों से समाधान नहीं हो रहा , उन्हें नरेंद्र मोदी जी ने, भारतीय जनता पार्टी ने हल किया है।

पत्रिका : लोकसभा चुनाव का शंखनाद राज्य से करने के पीछे क्या रणनीति है?

अमित शाह : इसमें कोई रणनीति नहीं है। चुनाव जहां पहले होता है, वहीं से शुरू करना होता है। जिन दूसरे राज्यों में पहले चरण में चुनाव हैं, वहां भी मैं जा रहा हूं।

पत्रिका : बॉर्डर स्टेट होने की वजह से राजस्थान मैं इस हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है। इस के खिलाफ आपकी क्या रणनीति है?

अमित शाह : देखिये इस के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने बहुत से कदम उठाए। जिसके बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। हमने एनसीओआरडी (राष्ट्रीय नारकोटिक्स समन्वय पोर्टल) की स्थापना की है। इसकी स्थापना हमने तीन स्तर पर जिला स्तर तक की है। टॉप टू बॉटम और बॉट टू टॉप अप्रोच के साथ केस का सम्पूर्ण अनुसंधान किया जाता है। सारी एजेंसियां मिलकर काम करती है। 2006-13 में पकड़े गए 1 लाख 52 हजार किलो की तुलना में 2014-23 में 3 लाख 95 हजार किलो, यानी 160% अधिक इन्स किए गए पहले सिर्फ 768 करोड़ रुपए के इस पकड़े गए थे मोदी सरकार की प्रभावी के बाद 22 हजार करोड़ रुपए यानी 30 गुना अधिक इम्स पकड़ा गया। पहले कुल 1.257 मामले दर्ज हुए थे, अब 3.755 हुए हैं। यह 199% की बढ़ोतरी है। पहले 1,363 गिरफ्तारियां हुई थी, अब 321% बढ़कर 5.745 हुए हैं। पिछले एक वर्ष में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए के मूल्य के 10 लाख 18 हजार किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया है।

पत्रिका : राजस्थान की जनता ने 2014 हो या 2019 दोनों बार 25 की 25 सीटें भाजपा की झोली में डाली। इस बार भी आप राजस्थान की जनता से 25 सीटें मांग रहे हैं। जनता को क्या लाभ हो रहा है?

अमित शाह : इसका हमारा आधार है राजस्थान के विकास के लिए भाजपा की सरकार ने बहुत सारे काम किए है। 2014 से पहले 10 साल कांग्रेस की सरकार रही और बाद में 10 साल हमारी सरकार रही। डिवोल्युनॉट इन ऐड फण्ड का ही मेरिजन देखिए एक लाख 61 हजार करोड़ रुपए यूपीए मे राजस्थान को दिए थे और एनडीए की मोदी सरकार 6 लाख 24 हजार करोड़ रुपए दिए। यानि चार गुना ज्यादा पैसा हमने दिया। इसके अलावा 80 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि 32 लाख नल कनेक्शन 1 करोड़ 10 लाख आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी 5 लाख नए चाला योजना के 71 लाख कलेक्शन और प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 19 लाख आवास दिए गए। एक प्रकार से राजस्थान में राजस्थान के गरीबों के सड़क निर्माण के लिए और फण्ड देने के ढेर सारे कार्य हुए हैं। मोदी जी ने रेलवे के विकास के लिए 57 हजार करोड़ रुपए की राशि से 10 रेलवे स्टेशनों को विश् स्तरीय बनाने का निर्णय किया। बीते 9 वर्षों में पीएम ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 70 हजार किलोमीटर सड़को का निर्माण हुआ, तो वहीं इसके अलावा एक तरफ राजस्थान को अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेन का तोहफा मिला है, तो दूसरी ओर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 82 रेलवे स्टेशनों का भी आधुनिकीकरण किया जा रहा है। 6 हजार करोड़ रुपए से कोटा में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण किया जा रहा है तो वहीं उड़ान योजना के अंतर्गत बीकानेर, जैसलमेर, किशनगढ़ हवाई अड्डे की भी शुरुआत की गई है और 500 करोड़ रुपए की लागत से जयपुर एयरपोर्ट में नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। पहले राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 10 थी। आज 35 हो गई है। इसके अलावा नए बन रहे हैं। 1500 करोड़ रुपए से 5 और नए मेडिकल कॉले का उद्घाटन हो रहा है।


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पत्रिका : दशकों से देश वामपंथी उग्रवाद की समस्या से जूझ रहा है। आखिर कब तक देश को इस समस्या से पूर्ण मुक्ति मिल सकेगी?


अमित शाह : मैं विश्वास से आपके पाठकों को बताना चाहता हूं कि अगले तीन साल में देश में वामपंथी आवाद का एक भी क्षेत्र नहीं होगा। 2005 से 2014 और 2014 से 2023 के आंकड़ों के अनुसार सुरक्षा बलों की मृत्यु में 72% की कमी आई है, नागरिकों की मृत्यु में 68% की कमी है और कुल हिंसक घटनाएं 52% कम हुई है। वहीं हिंसा रिपोर्ट करने वाले जिले 96 से घटकर 45 हो गए हैं। बहुत से जिले वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हुए हैं. वहां भी मोदी जी के विकास का संदेश नीचे तक पहुंचा है। टेलीफोन टावर लगे हैं सड़कें बनी है। स्कूल बने हैं प्राइमरी हेल्थ सेंटर पहुंचे है ये सारी चीजें आज जमीन पर पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।


पत्रिका : चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही कह रहे हैं कि हम राजस्थान को नंबर 1 बनाएंगे। जनता किस की बात पर विश्वास करे?

अमित शाह : आप सही कह रहे हैं कि कांग्रेस ने भी कहा था कि हम राजस्थान को नंबर बनाएंगे और उन्होंने राजस्थान को नंबर 1 बनाया भी। उन्होंने राजस्थान को भ्रष्टाचार में नं. 1 बनाया महिलाओं के खिलाफ अपराध में नं. 1 बनाया महिलाओं से दुष्कर्म में नं. 1 बनाया, साइबर क्राइम में नं. 1 बनाया बिजली की दरों में, पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने में महंगाई इंडेक्स में और परिक्षाओं के पेपर लीक में नंबर 1 बनाया तो कांग्रेसी गलत नहीं कहते हैं कि उन्होंने नंबर नहीं बनाया। हम जय कहते हैं कि हम राजस्थान को नंबर बनाएंगे तो हमारा मतलब होता है कि हम राजस्थान को महिला सुरक्षा में नंबर 1 बनाएंगे खुशहाली के मामले में नंबर 1 बनाएंगे, साक्षरता दर के मामले में नंबर 1 बनाएंगे रोजगार के मामले में नंबर 1 बनाएंगे टूरिज्म के मामले में नंबर बनाएंगे और जीएसडीपी में नंबर बनाएंगे। यह एक बहुत ही बड़ा फर्क है कांग्रेस के नंबर राजस्थान और हमारे नंबर 1 राजस्थान बनाने की बात में।


पत्रिका : पहले कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज, फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री का जेल जाना लोकसभा चुनाव से पहले इन कार्रवाइयों से सवाल उठ रहे हैं कि आप विपक्ष को खत्म करने के लिए ऐसा कर रहे हैं?

अमित शाह : इनकम टैक्स की अनियमितता का मामला लगभग 4 साल से चल रहा है। ये लोग उसको लटका रहे थे उसका फैसला चुनाव के वक्त आया केजरीवाल जी को भी नौ महीने से समन मिल रहे थे। उन्होंने कोर्ट में चैलेंज किया फिर हाईकोर्ट में रिजेक्ट होने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। ऐसा नहीं कि केवल चुनाव के वक्त यह किया गया। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। हाईकोर्ट में अपील करनी चाहिए।

पत्रिका : अरविंद केजरीवाल जेल से सरकारी ऑर्डर दे रहे हैं शराब घोटाले जैसे गंभीर आरोप के बाद भी वे मुख्यमंत्री बने हुए हैं। क्या जेल से सरकार चलाना वाकई मुमकिन है?

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अमित शाह : यह संवैधानिक मामला नहीं है। यह नैतिकता का मामला है। व्यक्ति को खुद ही यह तय करना है कि यह उचित है या नहीं है। संविधान में यह इस प्रकार का ग्रे एरिया रहा है, क्योंकि संविधान निर्माताओं ने ऐसी स्थिति की कल्पना ही नहीं की होगी कि जेल में जाने का वक्त आए तो भी कोई इस्तीफा नहीं देगा। जो लोग समाज सेवा के लिये राजनीति में जुड़ने का दावा करते थे. इनकी राजनीति कहां तक पहुंची है कि वे अपनी पार्टी के किसी साथी पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। इस्तीफा देकर और कोई मुख्यमंत्री बनेगा तो क्या हो जाएगा? ढेर सारे कार्यकर्ता होते हैं. इतनी बड़ी पार्टी है। मगर किसी पर भरोसा ही नहीं है। स्वयं के हाथ में सत्ता रखना और जेल से ही सरकार चलाने का प्रयास करना देश की जनता और दिल्ली की जनता रा जानती है और देख भी रही है।

पत्रिका : ईडी ने हाल ही में आम आदमी पार्टी के गोवा प्रदेश अध्यक्ष से मनी लॉन्डिंग के मामले में पूछताछ की है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई में शराब घोटाले के पैसे गोवा भेजे गए हैं या विपक्ष के नेताओं को परेशान करने के लिए ऐसा किया जा रहा है?

अमित शाह : गांवा पैसे गए इसका ट्रेल मिला है, इसीलिए राजस्थान के लिए बहुत कुछ किया गया है। पीने के कन्फर्मेशन के लिए उनको बुलाया गया है। किसी पानी की समस्या का समाधान हुआ। को अरेस्ट नहीं किया गया है. पूछताछ की है।

पत्रिका : विपक्ष का आरोप यह भी है कि एक तरफ आप ईडी, सीबीआई के जरिए विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई कर रहे हैं, दूसरी तरफ सीबीआई और ईडी जैसी संस्था बीजेपी के साथ जाने वाले नेताओं को क्लीन चिट दे रही है। इस पर आप क्या कहेंगे?

अमित शाह : एक सेकंड के लिए इनके आरोपों को सच मान लीजिए अगर बीजेपी के लोगों में भ्रष्टाचार है, तो पीआइएल करने से कौन रोक रहा है? जब उनका शासन था, तो हमने विपक्ष की भूमिका निभाते हुए 12 लाख करोड़ रुपए के घपले घोटाले उजागर किए थे। कोर्ट भी गए थे, कैग में भी गए थे, पार्लियामेंट में भी उजागर किए थे। ये तो पार्लियामेंट में चर्चा ही नहीं करते बहिष्कार कर जाते हैं उनको कौन रोक रहा है? मामले ढूंढकर कोर्ट में जाएं। कैग में एप्लिकेशन दायर करें। सच यह है कि मोदी जी ने 12 लाख करोड़ रुपए के घपले घोटाले करने वाली कांग्रेस पार्टी को 10 साल में अंगुली उठाने का मौका नहीं दिया है। एक व्यक्ति 24 साल तक मुख्यमंत्री
और प्रधानमंत्री रहता है और उस पर 10 पैसे का आरोप विपक्ष नहीं लगा पाया है। इतनी पारदर्शिता के साथ मोदी जी ने मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है और अब प्रधानमंत्री के रूप में भी काम कर रहे हैं।

पत्रिका : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और पत्थरबाजी हमेशा से बड़ी समस्या रही है। घाटी में शांति के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं और इसके परिणाम क्या आए हैं?

अमित शाह : हमने आतंकवाद और आतंककारियों के इको सिस्टम को ध्वस्त किया है और इसके कारण औसतन 70 प्रतिशत की कमी आतंकवाद में आई है। धारा 370 हट चुकी है। आज वहां निवेश हो रहा है। दो करोड़ से ज्यादा टूरिस्टों ने वहां पर एक साल में यात्रा की है। पत्थरबाजी शून्य हो चुकी है। आतंककारियों के समर्थको को नौकरियों से जम्मू-कश्मीर इंडीकेटर कुल घटनाएं हटाया गया है। आतंककारियों के सार्वजनिक जनाजे पर पाबंदी लगा दी गई है और भी कठोर कदम हमने टेरेरिस्ट इको सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए उठाए हैं जिसके नतीजन कुल घटनाओं में 69% कमी आई. कुल मृत्य में 68% कमी, नागरिकों की मृत्यु में 515 कमी और सिक्योरिटी फोर्सेज की मृत्यु में 46% कमी आई है


पत्रिका : सीएए के बाद देश में यूसीसी पर काफी पर्चा हो रही है। हाल ही में आपने कहा भी था कि शरिया लागू करना है तो पूरी तरह करो, चोरी करने पर हाथ काट दो या चौराहे पर लटका दो क्या आप लोगों को डरा रहे हैं?

अमित शाह : देखिये यूसीसी भाजपा की स्थापना से हमारा तो एजेंडा रहा ही है। परंतु यूसीसी पर हमारे सविधान निर्माताओं ने भी हमसे अपेक्षा की है। गाइडिंग प्रिंसिपल फॉर स्टेट जो बनाए गए हैं. आर्टिकल 44 में, उसमें सीसी रखा गया है। किसी भी पंथ निरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून कैसे हो सकता है? कांग्रेस इस पर सरासर झूठ बोल रही है और जो लोग मांग कर रहे हैं कि शरिया के आधार पर हम जीना चाहते है तो कांग्रेस के जमाने से आप नहीं जी रहे हो भाई? क्रिमिनल एक्ट में शरिया नहीं है। सिविल एक्ट में शरिया नहीं है। सिर्फ फैमिली कानूनों में सी शरिया है क्या? ऐसा तो हो नहीं सकता।

पत्रिका : हनुमान बेनीवाल इंडी एलायंस के साथ चले गए हैं। क्या लगता है इससे बीजेपी को नुकसान होगा?

अमित शाह : देखिए, विधानसभा चुनाव में भी वे लड़े थे, फिर भी हमारी सरकार बनी। जाट बेल्ट पूरी मोदी जी के साथ है। सभी जातियां मोदी जी के साथ हैं। कांग्रेस की स्थिति तो यह है कि उनको 25 प्रत्याशी ढूंढ़ने में भी दिक्कत आ रही है। दो प्रत्याशियों ने टिकट वापस दे दिए। दो टिकट पार्टी को बदलने पड़े। स्थिति यह है, तीन माह पहले जिनकी राजस्थान में सरकार थी, उनको प्रत्याशी नहीं मिल रहे। पूरे राजस्थान में मोदी जी की एक लहर है। मुझे पूरा विश्वास है इस बार फिर हैट्रिक करके राजस्थान की 25 की 25 सीटे भारतीय जनता पार्टी जीतेगी

पत्रिका : पूर्वोतर भारत लंबे समय से हिंसक घटनाओं से प्रभावित रहा है। आज भी वहां नस्लीय हिंसा और उग्रवादी गुट एक्टिव हैं। नॉर्थ-ईस्ट में शांति के लिए आपकी क्या रणनीति है?

अमित शाह : वहां 9 हजार उग्रवादी हथियार डाल चुके हैं, एएफएसपीए (सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम) की परिधि के अंदर 80 प्रतिशत क्षेत्र से हमने एएफएसपीए हटा लिया है। पूर्वोत्तर में मोदी जी के प्रयास से हिंसक घटनाओं में 73% की कमी, हताहत सुरक्षाबलों की संख्या में 71% की कमी और हताहत नागरिकों की संख्या में 86% की कमी आई है। इसके अलावा हमने विभिन्न उग्रवादी संगठनों से शांति समझौते भी किए। जिसके नतीजन वर्ष 2019 से 2023 तक 9 हजार के करीब उग्रवादी सरेंडर हुए हैं। एनएलएफडी/एसडी समझौता (2019), बोडो समझौता (2020), ब्रू समझौता (2020), कार्बी समझौता (2021), आदिवासी शांति समझौता (2022), डीएनएलए समझौता (2023), उल्फा शांति समझौता (2023), यूएनएलएफ शांति समझौता (2023), असम-मेघालय अंतरराज्यीय सीमा समझौता (2022), असम-अरुणाचल प्रदेश अंतरराज्यीय सीमा समझौता (2023) और टिपरा-मोथा समझौता हुए।


पत्रिका : धारा 370 की समाप्ति से जम्मू-कश्मीर में बीते 5 साल में क्या बदलाव आया है?

अमित शाह : जम्मू-कश्मीर में 33 साल बाद थियेटर खुले हैं। 34 साल बाद मुहर्रम का जुलूस निकला है। जो घाटी कभी आतंकवाद और पत्थरबाजी के लिए बदनाम थी, वहां जी-20 की बैठक हुई है। जहां कभी लोग हाथ में तिरंगा उठाने से डरते थे, वहां घर-घर तिरंगा अभियान चलाया गया है और हाल ही में विश्वप्रसिद्ध डल झील के किनारे फार्मूला-4 की कार रेसिंग तो पूरी दुनिया ने देखी है। लगभग दो करोड़ से ज्यादा टूरिस्टों का जाना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। कश्मीर में हमने हालात बदले हैं। आज दो दरबार की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है और आज जम्मू-कश्मीर में 'एक विधान, एक निशान, एक प्रधान' के स्वप्न को हमने पूरा किया है। एंटी करप्शन ब्यूरो को इंट्रोड्यूस किया है। पठानकोट का नाका परमिट भी समाप्त हो चुका है।

पत्रिका : अपने जम्मू कश्मीर में कई संगठनों को बैन किया है। क्या आपको लगता है कि संगठनों को बैन करने जैसी कार्रवाई से आतंकवाद में कमी आएगी?

अमित शाह : हमने जम्मू कश्मीर में लगभग 12 आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित किया है। 36 लोगों को टेरेरिस्ट घोषित किया है। टेरर फाइनेंस के लिए भी हमने केस रजिस्टर किए हैं। मैं मानता हूं कि ये सारी चीजें कुल मिलाकर कश्मीर के अंदर शांति स्थापित करने के लिए बड़ी जिम्मेदार रही हैं। प्रधानमंत्री जी ने कश्मीर की जनता के साथ सीधा संवाद कर उनके विकास के लिए भी ढेर सारे काम किए हैं। आज कश्मीर के हर व्यक्ति को 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा मिला है। प्रधानमंत्री जी की योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन कश्मीर में हुआ है। अभी प्रधानमंत्री जी ने जो रैली की है, उसमें कश्मीर की जनता ने पलक पांवड़े बिछाकर प्रधानमंत्री जी का स्वागत किया है। मैं मानता हूं कि कांग्रेस और वहां की परिवारवादी पार्टियों ने जिस कश्मीर को दहशतगर्दी के गर्त में डाला था, उसे मोदी जी ने फिर स्वर्ग बनाने का काम किया है।