दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 12 पीएम के सुरक्षा उल्लंघन पर पैनल का गठन किया था नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा करेंगी। इंदु मल्होत्रा को इस जांच को न करने की धमकी दी है। इस खालिस्तानी संगठन ने जस्टिस इंदु मल्होत्रा को एक वॉयस नोट भेजा है जिसमें कहा है, ‘हम सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज को पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच नहीं करने देंगे। पीएम मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा। आपने SFJ के खिलाफ शिकायत दर्ज कर खुद के लिए एक बड़ा खतरा मोड़ लिया है।’
इस वॉयस नोट में आगे कहा गया है कि “हम 26 जनवरी को पीएम मोदी को ब्लॉक करेंगे और खालिस्तान का झंडा फहराएंगे, हम इंदु मल्होत्रा को पीएम मोदी के खिलाफ टेरर प्लॉट की जांच करने की अनुमति नहीं देंगे। हम उन अधिवक्ताओं की सूची तैयार कर रहे हैं जो विदेशों में जाते हैं और तब आप हमें शांतिपूर्वक, लोकतांत्रिक ढंग से सुनेंगे।”
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को इसी तरह की धमकी खालिस्तानी संगठन की तरफ से मिली थी। 50 से ज्यादा वकीलों को इंटरनेशनल नंबर से कॉल कर धमकी दी थी।
तब SFJ ने अपने धमकी भरे वॉयस नोट में कहा था कि ‘SFJ पंजाब के फिरोजपुर में पीएम मोदी के दौरे को ब्लॉक करने के लिए जिम्मेदार है। आज अगर तुम पीएम मोदी की मदद करते हो तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी गलती होगी।’
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क्या है मामला?
बता दें कि 5 जनवरी को पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर में दौरे पर गए थे, परंतु कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा उनका मार्ग बाधित कर दिया गया था। इस कारण पीएम मोदी उस मार्ग पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे। इसके बाद वो दिल्ली लौट गए थे। इस तरह से देश के प्रधानमंत्री के मार्ग पर प्रदर्शनकारियों का होना सुरक्षा के लिहाज से कई सवाल उठाता है जिसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक पैनल का गठन किया था।
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