प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमने Relief, Rescue और Rehabilitation पर जोर देने के साथ ही Reform पर भी बल दिया है। हमने NDRF को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया। टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, best possible practices को अपनाया गया है।
आपदा प्रबंधन ने बचाई लोगों की जान:
देश की आपदा प्रबंधन व्यवस्था की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना काल में हमने देखा कि देश के सामने नई आपदाएं खड़ी हो गईं। हम कोरोना से तो लड़ाई लड़ ही रहे थे, इसी दौरान भूकंप, बाढ़ और चक्रवाती तूफान आए। पहले समुद्री तूफानों में सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। हम आपदाओं से ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल हो पाए। आज बड़ी-बड़ी एजेंसियां इसके लिए भारत की तारीफ कर रही हैं।
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बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है जरूरी:देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हो रहे विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आपदा में मौतों का तो जिक्र होता है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर का भी बहुत नुकसान होता है। इसलिए ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए जो आपदा में भी टिका रह सके। भारत इस दिशा में काम कर रहा है। नए परियोजनाओं में आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा गया है। चारधाम, एक्सप्रेस वे से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक में इसे लागू किया गया है। यह नए भारत के सोचने का तरीका है।
भारत ने दुनिया को एक संस्था का आइडिया दिया है। इस पहल में ब्रिटेन हमारा साथी बना है। आज दुनिया के 37 देश इससे जुड़ चुके हैं। सेनाओं के बीच जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज बहुत देखी गई हैं, लेकिन भारत ने जॉइंट डिजास्टर मैनेजमेंट ड्रिल शुरू की है। डिजास्टर मैनेजमेंट का हमारा अनुभव सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरी मानवता के लिए है।