
झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन सरकार पारित करेगी SIR प्रस्ताव (Photo-IANS)
बिहार के बाद अब झारखंड में भी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने की तैयारी जोर पकड़ रही है, लेकिन इसके साथ ही सियासी तापमान भी बढ़ गया है। झामुमो, कांग्रेस और राजद की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने इस प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है और 4 अगस्त को विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर इसे केंद्र सरकार को भेजने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह प्रक्रिया संविधान की भावना के खिलाफ है और इसका सीधा असर गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक मतदाताओं पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, हम झारखंड की जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह जनविरोधी कदम है, जिसका हम हर स्तर पर विरोध करेंगे।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एसआईआर को मुस्लिम, दलित और आदिवासी समाज को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी संभावित हार से डर गई है, और इसी डर में यह प्रक्रिया थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया भी बिना विपक्ष की सहमति के थोप दी गई, जैसा कि पहले जीएसटी के मामले में हुआ था। उन्होंने कहा कि इस तरह की नीतियां जनता को नुकसान पहुंचाती हैं।
कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि अगर फर्जी वोटरों को रोकना है तो आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक किया जाना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए और कहा कि एसआईआर के पीछे राजनीतिक लाभ लेने की मंशा है।
दूसरी ओर, भाजपा और जदयू ने इस प्रक्रिया का पूरा समर्थन किया है। जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि फर्जी मतदाताओं को हटाने की जिम्मेदारी सिर्फ चुनाव आयोग की नहीं, सभी नागरिकों की है। उन्होंने कहा कि एसआईआर एक नियमित प्रक्रिया है और इसका विरोध राजनीतिक डर को दर्शाता है। भाजपा विधायक सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार को अपनी हार दिख रही है, इसलिए वह चुनाव से पहले ही आधारभूत चुनावी प्रक्रिया का विरोध कर रही है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने हाल ही में सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एसआईआर को लेकर तैयारी की समीक्षा की। अधिकारियों को पुनरीक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
Published on:
01 Aug 2025 09:25 pm
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