क्या है मामला?
दरअसल, राज्य सरकार PRTC बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा के लिए 150 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है। इस कारण PRTC की वित्तीय हालात कमजोर हो गई है और अभी तक उसने कर्मचारियों और पेन्शनर की सैलरी भी जारी नहीं की है। सैलरी में देरी के कारण कर्मचारी और पेन्शनर धरने पर बैठ गए हैं। PRTC बस स्टैन्ड और डिपो के बाहर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। हाल ही में कर्मचारियों ने दो घंटे तक के लिए राज्य भर के बस स्टैंड को बंद कर दिया था। 23 जून को बसों के संचालन को भी रोकने की धमकी राज्य सरकार को दे चुके हैं।
इस मामले पर राज्य की मान सरकार ने चुप्पी साध रखी है।वहीं, इस विरोध के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ हा है। बताते चलें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत PRTC को सरकार की तरफ से भुगतान किया जाना था। पीआरटीसी यात्रियों में करीब 40 फीसदी महिलाएं हैं। अब तक भुगतान न होने के कारण PRTC की हालत ऐसी हो गई है कि उसके कर्मचारी तनाव से गुजर रहे हैं। वेतन की मांग कर रहे हैं लेकिन इसपर राज्य सरकार की कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिल रही है।