
Muslim Women in Ibadat Khana (File Photo)
Shia Muslim Women: तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने एक फैसले में कहा कि शिया मुस्लिम महिलाएं इबादतखाने में नमाज अदा कर सकती हैं। शिया मुसलमानों के अखबारी संप्रदाय से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि संप्रदाय की महिलाएं भी हैदराबाद के दारुलशिफा इबादतखाने में इबादत की हकदार हैं। उन्हें इबादत से रोका गया तो यह भेदभावपूर्ण होगा।
जस्टिस नागेश भीमापाका ने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के 2018 के सबरीमाला केस के फैसले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि मासिक धर्म की उम्र वाली महिलाओं को केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि शिया मुसलमानों के एक अन्य संप्रदाय (उसूली) की महिलाओं को पहले ही वक्फ बोर्ड 2007 की कार्यवाही के अनुसार इबादतखाने में इबादत की इजाजत दे चुका है। हाईकोर्ट अंजुमने-अलवी शिया इमामिया इथना अशरी अखबारी नाम की संस्था की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने इबादतखाने में मजलिस, जश्न और अन्य धार्मिक प्रार्थनाओं में अखबारी संप्रदाय की महिलाओं को प्रवेश से प्रतिबंधित करने को चुनौती दी थी। तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड से मसले के समाधान की गुहार के बाद जब हल नहीं निकला तो संस्था ने अदालत का रुख किया।
जस्टिस भीमापाका ने कहा कि कुरान में महिलाओं को इबादतखाने में इबादत करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अध्याय 2 अलबकारा 222-223 स्पष्ट करता है कि एक विशेष अवधि, जो प्रकृति ने महिलाओं को आराम की अवधि के रूप में दी, के अलावा महिलाओं को नमाज अदा करने से नहीं रोका जा सकता।
Updated on:
31 Jul 2024 09:19 am
Published on:
31 Jul 2024 09:17 am
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