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राहुल गांधी, पीएम मोदी और गृहमंत्री के बीच हुई 90 मिनट की मीटिंग, क्या हुई बात? LoP ने इन मुद्दों पर जताई असहमति

Rahul Gandhi met PM Modi and Amit Shah: राहुल गांधी ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ 90 मिनट की मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने सरकार को अपना असहमति पत्र सौंपा। जानिए, किन मुद्दों पर हुई बात...

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Rahul Gandhi

राहुल गांधी (फाइल फोटो-पत्रिका)

Rahul Gandhi met PM Modi and Amit Shah: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की स्वतंत्रता को कमजोर करने को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद बीते बुधवार को उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ 90 मिनट की मीटिंग की। इस मीटिंग की वजह मुख्य सूचना आयुक्त (CIC), आठ सूचना आयुक्तों व एक सतर्कता आयुक्तों की नियुक्ति पर चर्चा करना था।

सरकार को सौंपा असहमति पत्र

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने इन सभी नियुक्तियों के संबंध में अपना विस्तृत असहमति पत्र सरकार के सामने पेश किया। इसके साथ ही राहुल गांधी ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सामने उच्चस्तरीय संवैधानिक एवं स्वायत्त संस्थाओं में सामाजिक न्याय और समानुपातिक प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाया।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस नेता (Congress) ने अफसरशाही के इन ऊंचे पर पदों पर पिछड़े वर्गों खासकर दलितों, ओबीसी, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारियों की नियुक्ति करने की जरूरत की बात कही। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भारत की 90 फीसदी आबादी को शीर्ष संस्थागत नियुक्तियों से बाहर रखा जा रहा है। दलितों, आदिवासियों, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भारी पक्षपात हो रहा है।

महज एक संयोग नहीं, बल्कि पैटर्न है- राहुल

राहुल गांधी ने PM और HM के साथ मीटिंग में कहा कि इन वर्गों का बहिष्कार महज एक संयोग नहीं है, बल्कि स्वायत्त संस्थाओं में पहले की नियुक्ति का सुसंगत पैटर्न है। राहुल गांधी ने सरकार से इन पदों के लिए आवेदकों की जातिगत संरचना को पारदर्शी बनाने की मांग की ताकि असमानता उजागर हो सके। कांग्रेसी नेता ने बताया कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि इन पदों के लिए आए आवेदनों में दलित समुदाय के आवेदक सात प्रतिशत से भी कम थे। उससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि शॉर्टलिस्ट में केवल एक ही दलित उम्मीदवार था। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में LoP को सरकार की तरफ से उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेने का आश्वासन मिला है।