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क्या आप भी खा रहे हैं नकली दवा? खांसी, बुखार, डायबिटीज समेत 70 दवाओं के सैंपल फेल, यहां देखें पूरी लिस्ट

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में 70 दवा और इंजेक्शन फेल पाए गए है। जो दवाएं घटिया पाई गईं उनमें अस्थमा, बुखार, डायबिटीज, हाई बीपी, एलर्जी, मिर्गी, खांसी, एंटीबायोटिक, ब्रोंकाइटिस और गैस्ट्रिक के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं और इंजेक्शन शामिल है।

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दवा बनाने वाली कंपनियां लोगों की सेेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर आप भी नकली दवाइयां खा रहे है तो ठीक होने की बजाय ज्‍यादा बिमार पड़़ सकते है। जी हां देशभर में निर्मित 70 दवाओं के सैंपल फेल हो गए है। भारत में दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों की गुणवत्ता को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश में 25 दवा उद्योगों में निर्मित 40 दवाओं और इंजेक्शनों को घटिया पाया। दवाओं में अपेक्षा से कम सक्रिय तत्व पाए गए, या उनमें अशुद्धियाँ थीं जो उपभोक्ताओं के लिए हानिकारक हो सकती थीं। सीडीएससीओ दवा उद्योगों का नियमित निरीक्षण करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके द्वारा उत्पादित दवाएं आवश्यक गुणवत्ता मानकों को पूरा करती हैं।

खांसी, बुखार, डायबिटीज समेत 70 दवाओं के सैंपल फेल

एक रिपोर्ट के अनुसार, बीपी, खांसी, बुखार, डायबिटीज समेत 70 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए। जो दवाएं घटिया पाई गईं उनमें अस्थमा, बुखार, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एलर्जी, मिर्गी, खांसी, एंटीबायोटिक्स, ब्रोंकाइटिस और गैस्ट्रिक जैसी विभिन्न सामान्य चिकित्सा स्थितियों की दवाएं शामिल थीं। इसके अलावा, कैल्शियम सप्लीमेंट सहित मल्टी-विटामिन भी घटिया पाए गए।

बाजार से वापस दवाओं को मंगवाने का आदेश

सीडीएससीओ ने घटिया दवाएं बनाने वाले फार्मास्युटिकल उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की है। उद्योगों को प्रभावित दवाओं को बाजार से वापस लेने और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया गया है कि उनके उत्पादों की गुणवत्ता आवश्यक मानकों के अनुरूप हो। दरअसल, दिसंबर महीने में सीडीएसईओ (सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) ने पूरे मामले पर ड्रग अलर्ट जारी किया था।

इन राज्‍यों में विफल रहे दवाओं के नमूने

हिमाचल प्रदेश के अलावा, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मुंबई, तेलंगाना और दिल्ली में दवा उद्योगों में निर्मित 38 विभिन्न दवाओं के नमूने भी निरीक्षण के दौरान विफल रहे हैं। रक्त के थक्कों के उपचार में उपयोग किए जाने वाले और बद्दी में एलायंस बायोटेक द्वारा निर्मित हेपरिन सोडियम इंजेक्शन के विभिन्न बैचों के आठ नमूने विफल हो गए। इसी तरह, झाड़माजरी में कान्हा बायोटेक्निक द्वारा निर्मित विटामिन डी 3 टैबलेट के पांच नमूने भी आवश्यक मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। ड्रग अलर्ट में शामिल 25 फार्मास्युटिकल कंपनियों में से कई कंपनियों के दवा नमूनों के निरीक्षण में बार-बार असफलता मिली है।

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