
sanjay raut slams pm modi over his new mercedes benz car
नई दिल्ली। शिवसेना सांसद संजय राउत ने पीएम मोदी पर उनकी नई गाड़ी खरीदने पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए 12 करोड़ रुपए की नई मर्सिडीज बेंज गाड़ी खरीदी गई, इसमें सरकार सफर कर रही है। शिवसेना नेता का कहना है कि खुद को फकीर बताने वाले और प्रधान सेवक होने का दावा करने वाले पीएम मोदी ने विदेशी मॉडल की कार खरीदी है। जाहिर है कि पीएम की सुरक्षा अहम है, लेकिन अब प्रधान सेवक फकीर होने का दावा न करें। इस दौरान उन्होंने भारत के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए, 'मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लोगों से स्वदेशी उत्पादों को तरजीह देने की अपील करते हैं, लेकिन जब बात खुद की होती है तो वो विदेशी मॉडल की कार चुनते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने भारत के पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू का भी जिक्र किया, संजय राउत ने कहा कि पंडित नेहरू हमेशा हिंदुस्तानी मॉडल की एंबेसडर कार का इस्तेमाल करते थे।
महंगाई पर भी सरकार को घेरा
दरअसल, संजय राउत ने नए साल पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना‘ में एक लेख लिखा है। उनके ‘रोखठोक’ शीर्षक से लिखे गए इस लेख में पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है। इसमें संजय राउत ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, महंगाई-बेरोजगारी, नाइट कर्फ्यू, आने वाले विधानसभा चुनावों जैसे मुद्दों पर घेरा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने लिखा, ‘साल 2021 बीत गया, लेकिन 2022 में कोई उम्मीद की किरण नजर आएगी क्या? देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं है।
पीएम मोदी न करें फकीर होने का दावा
उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए अब 12 करोड़ रुपए की नई मर्सिडीज बेंज गाड़ी खरीदी गई। इसमें सरकार सफर कर रही है। खुद को फकीर बताने वाले और प्रधान सेवक होने का दावा करने वाले पीएम मोदी ने विदेशी मॉडल की कार खरीदी है। मानता हूं कि पीएम की सुरक्षा और आराम अहम है, लेकिन अब प्रधान सेवक फकीर होने का दावा न करें। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लोगों से स्वदेशी उत्पादों को तरजीह देने की अपील करते हैं, लेकिन जब बात खुद की होती है तो वो विदेशी मॉडल की कार चुनते हैं।
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संजय राउत ने इन लोगों का दिया उदाहरण
इसके साथ ही उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के बाद नेहरू का जीवन सर्वाधिक खतरे में था। इसके बावजूद वे हमेशा हिंदुस्तानी मॉडल की एंबेसडर कार का इस्तेमाल करते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बेखौफ होकर खूनी हमले का सामना किया। वहीं अपनी जान को भारी खतरा होने के बावजूद इंदिरा गांधी ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सिख अंगरक्षकों को नहीं बदला। इसके साथ ही राजीव गांधी तमिलनाडु में गए और वहां लिट्टे ने उनकी हत्या कर दी।
Updated on:
02 Jan 2022 12:11 pm
Published on:
02 Jan 2022 11:51 am
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