शोधकर्ताओं का दावा है कि यह रासायनिक यौगिक सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाले संक्रमण को रोक सकता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीज पर इस यौगिक का इस्तेमाल जल्दी किया जाए तो कोरोना महामारी की गंभीरता को कम किया जा सकता है। साथ ही इससे कोरोना से होने वाली मृत्यु का खतरा भी काफी हद तक कम होता है।
शोधकर्तोओं ने यह भी बताया कि यह यौगिक कैसे काम करता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है। बताया गया कि ‘एमएम3122’ मुनष्य में पाए जाने वाले एक प्रमुख प्रोटीन ‘ट्रांसमेम्ब्रेन सेरीन प्रोटीज 2’ को निशाना बनाता है। बता दें कि कोरोना वायरस भी मानव कोशिकाओं में प्रवेश के लिए ट्रांसमेम्ब्रेन सेरीन प्रोटीज 2 का ही इस्तेमाल करता है। ऐसे में यह यौगिक कोरोना के खिलाफ जंग में काफी कारगर साबित होगा।