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‘सोनिया-राहुल गांधी ने ही 2000 करोड़ की संपत्ति हथियाने की साजिश’, नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने किया दावा

National Herald Case: ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि एजेएल को किए गए "फर्जी लेन-देन" में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।

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भारत

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Ashib Khan

Jul 02, 2025

कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी (Photo-IANS)

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती है। दिल्ली की एक अदालत में ईडी ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर कांग्रेस नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पना चाहती थी। ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए।

‘यंग इंडियन बनाने की रची साजिश’

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया और राहुल के पास 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए एजेएल की संपत्ति को हड़प लिया जाए। 

‘कांग्रेस कंपनी को हड़पना चाहती थी’

एसवी राजू ने कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को कोई लाभ नहीं हो रहा था, लेकिन उसके पास बड़ी संपत्तियां थीं। उन्हें अपने दैनिक कामकाज का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा था। इसलिए, कांग्रेस से 90 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया। कांग्रेस इस कंपनी को हड़पना चाहती थी। 

‘कांग्रेस के कई नेता थे शामिल’

ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि एजेएल को किए गए "फर्जी लेन-देन" में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। ईडी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के निर्देश पर कई व्यक्तियों ने कई वर्षों तक फर्जी तरीके से अग्रिम किराया भुगतान किया।

‘विज्ञापन के दिए रुपये’

इसके अतिरिक्त, ईडी ने अदालत को बताया कि कांग्रेस नेताओं के इसी तरह के निर्देशों के तहत एजेएल को विज्ञापन के रुपये दिए गए थे। ईडी ने दलील दी कि ये लेन-देन अपराध की आय (पीओसी) के बराबर थे और वास्तविक लाभार्थी सोनिया गांधी और राहुल थे।

यह भी पढ़ें-कांग्रेस नेता ने इस राज्य को बता दिया पड़ोसी देश, फिर मांगी माफी, बोले- मेरी जुबान फिसल गई

वहीं इस पर अदालत ने पूछा कि क्या इन भुगतानों को करने वाले दानदाताओं और कांग्रेस नेताओं को भी प्रतिवादी माना जाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वे भी अपराध से धन कमाने में शामिल रहे हों। ईडी ने कहा कि वह इस बात की जांच कर रही है कि क्या ऐसे व्यक्तियों को उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।