
दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु-नटाल में बन रहा मंदिर ढहा। ( फोटो: पत्रिका )
South Africa Hindu Temple Collapse: भगवान नृसिंह देव के जिस भव्य धाम के बनने का इंतजार हजारों भक्त कर रहे थे, वहां काल का ऐसा चक्र चला कि सब कुछ बिखर गया (South Africa Hindu Temple Collapse)। दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु-नटाल की पवित्र पहाड़ी पर बन रहा चार मंजिला मंदिर,जो आस्था का एक विशाल केंद्र बनने वाला था,अचानक ढह गया ( South Africa temple tragedy)। इस दुखद हादसे में प्रोजेक्ट मैनेजर विक्की जयराज पांडे (Vicky Jayraj Pandey)समेत 4 लोगों ने अपने प्राण त्याग दिए। ध्यान रहे कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के करीब 40-50% लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं। यहां कई भव्य मंदिर हैं और दिवाली जैसे त्योहार राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाते हैं।
इसे नियति का खेल कहें या प्रभु की इच्छा, 52 वर्षीय विक्की जयराज पांडे पिछले दो साल से दिन-रात एक कर इस मंदिर के निर्माण (सेवा) में जुटे थे। उनका सपना था कि यहां भगवान नृसिंह देव की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित हो। लेकिन मूर्ति लगने से पहले ही वे उसी मंदिर के मलबे में समा गए, जिसे वे अपने हाथों से संवार रहे थे। 'फूड फॉर लव' संस्था ने इसे धर्म और समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
इस मंदिर को गुफा (Cave theme) जैसा अलौकिक रूप दिया जा रहा था। इसके निर्माण के लिए पवित्र पत्थर भारत की पावन धरा से मंगवाए गए थे। हर एक पत्थर में भक्तों की श्रद्धा जुड़ी थी। लेकिन यह पवित्र स्थल चीख-पुकार में बदल गया। रेस्क्यू टीम ने जब मलबे से शवों को निकाला, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं।
भले ही प्रशासन अब इसे 'अवैध निर्माण' कह रहा हो और नक्शा पास न होने की दलील दे रहा हो, लेकिन भक्तों के लिए यह एक पवित्र संकल्प था। स्थानीय इथेक्विनी (eThekwini) नगर निगम का कहना है कि निर्माण की आधिकारिक अनुमति नहीं थी। अब सवाल यह है कि क्या सरकारी कागजों की कमी ने भगवान के घर को कमजोर कर दिया, या फिर यह कोई दैवीय संकेत था ? फिलहाल, पूरा हिंदू समाज इस हादसे से स्तब्ध है।
दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों और सनातन धर्म को मानने वालों की एक बड़ी संख्या है। ताजा आंकड़ों (2024-25 अनुमानित) के अनुसार स्थिति इस प्रकार है:
भारतीय मूल के लोग (Indians in South Africa):
कुल आबादी: लगभग 16 लाख (1.6 Million)
प्रतिशत: देश की कुल आबादी का लगभग 2.6%
विवरण: डरबन (क्वाजुलु-नटाल) में भारत के बाहर भारतीयों की सबसे बड़ी आबादी बसती है।
दक्षिण अफ्रीका में हिंदू आबादी (Hindus):
कुल संख्या: लगभग 5.5 लाख से 6 लाख (550,000 - 600,000)
प्रतिशत: कुल आबादी का लगभग 1% से 1.2%
दक्षिण अफ्रीका में बौद्ध आबादी (Buddhists):
कुल संख्या: इनकी संख्या काफी कम है, लगभग 1.5 लाख से 2 लाख (इसमें एशियाई प्रवासी और स्थानीय धर्मान्तरित लोग शामिल हैं)।
प्रतिशत: 0.3% से भी कम।
दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले हिंदू समुदाय में इस घटना को लेकर गहरा शोक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इस मंदिर के बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब सब कुछ बिखर गया है।
स्थानीय प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि अगर नियमों की अनदेखी हुई है, तो ट्रस्ट के बाकी सदस्यों पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर पहुंच गई है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरी कंस्ट्रक्शन साइट को सील कर दिया है और आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि इमारत गिरने की असली वजह क्या थी— ख़राब निर्माण सामग्री या पहाड़ी जमीन का धंसना ?
भारतीय मूल के विकी जयराज पांडे और अन्य मृतकों का अंतिम संस्कार स्थानीय रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा। उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है।
बहरहाल, यह हादसा एक बड़ा सवाल खड़ा करता है— क्या धार्मिक कार्यों के नाम पर सुरक्षा नियमों (Safety Norms) को नजरअंदाज किया जा रहा है? पहाड़ी पर चार मंजिला इमारत बनाना इंजीनियरिंग के लिहाज से बेहद जोखिम भरा काम होता है। प्रशासन का दावा है कि नक्शा पास नहीं था, जो यह इशारा करता है कि शायद स्ट्रक्चरल इंजीनियरों (Structural Engineers) की राय लिए बिना ही भावनाओं के आधार पर निर्माण किया जा रहा था। भारत से लेकर अफ्रीका तक, अक्सर देखा गया है कि धार्मिक स्थलों के निर्माण में नियमों में ढील दी जाती है, जिसका अंजाम ऐसे हादसों के रूप में सामने आता है।
Updated on:
14 Dec 2025 06:45 pm
Published on:
14 Dec 2025 06:44 pm
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