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Air Pollutionin India : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार को उन शहरों की पहचान करने का निर्देश दिया, जहां वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर (Hazardous Air Quality of Indian Cities) है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग जैसे तंत्र को देशभर में लागू करने की जरूरत पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के मसले पर उसकी सुनवाई सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगी। देशभर के प्रदूषण (Air Pollution of India) को लेकर सुनवाई होगी। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने कहा कि प्रदूषण देशव्यापी समस्या है, लिहाजा हम सुनवाई का दायरा बढ़ा रहे हैं।
पीठ ने सोमवार को सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR Air Pollution) की तर्ज पर देश के दूसरे प्रदूषित शहरों में भी एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन जैसी व्यवस्था की जा सकती है? पीठ ने कहा, यह गलत संदेश नहीं जाना चाहिए कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है इसलिए उसकी चिंता सिर्फ दिल्ली के प्रदूषण (Delhi-Ncr AQI) को लेकर है।
कोर्ट ने ठोस कचरे (Garbage Management of Delhi) के निपटान को लेकर जरूरी जानकारी उपलब्ध न कराने पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) को फटकार लगाई। कोर्ट ने 19 दिसंबर की सुनवाई में मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश देते हुए कहा, अगर अगली सुनवाई तक वह 11 नवंबर के हमारे आदेश पर हलफनामा दायर नहीं करते हैं तो अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (AIR Quality in Delhi-NCR) फिर बिगड़ने के कारण सोमवार को ग्रैप-3 (GRAP-3) के प्रावधान लागू कर दिए गए। इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण कार्यों और बीएस-4 या पुराने मानकों वाले मध्यम आकार के डीजल माल ढुलाई वाहनों (एमजीवी) पर रोक रहेगी। दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले डीजल के हल्के कमर्शियल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। पांचवी कक्षा तक के स्कूल हाइब्रिड मोड में चलेंगे। दिल्ली-एनसीआर में पहले ग्रैप-4 लागू किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इसमें ढील देते हुए ग्रैप-2 लागू करने की इजाजत दी थी।
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Published on:
17 Dec 2024 01:59 pm
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