
जोशीमठ भू-धंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हाईकोर्ट में करें गुहार
जोशीमठ भू-धंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग वाली याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया। साथ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए यह राहत अवश्य दी है कि, याचिकाकर्ता उत्तराखंड हाईकोर्ट जा सकता है और वहां जोशीमठ भू-धंसाव आपदा को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की मांग कर सकता है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र की ओर से जोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने की मांग को भी नकार दिया। और मामले में किसी भी प्रकार की दखल से भी इनकार कर दिया है। याचिका के खारिज होने से याचिकाकर्ता बेहद मायूस हो गए हैं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पर्दीवाला की पीठ ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार किया है।
जोशीमठ भू-धंसाव मामले बेहद गंभीर
जोशीमठ भू-धंसाव मामले बेहद गंभीर होता जा रहा है। केंद्र और उत्तराखंड सरकार लगातार इस मसले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। राहत कार्य पूरे जोर से चल रहा है। फिलवक्त जोशीमठ भू-धंसाव एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।
तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
इस याचिका पर 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था। कहा कि, स्थिति से निपटने के लिए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार है। और सभी महत्वपूर्ण मामले कोर्ट में नहीं आने चाहिए। बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।
7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी रिट
सुप्रीम कोर्ट में 7 जनवरी को जोशीमठ भू-धंसाव मामले में राहत के लिए याचिका दायर की गई थी। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की तरफ से वकील परमेश्वर नाथ मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि, वह जोशीमठ को विलुप्त होने से बचाने के लिए जल्द उपाय के निर्देश दे। याचिका में कहा गया कि, भू-धंसाव की जद में करीब ढाई हजार साल प्राचीन मठ भी आ गया है। पूरा जोशीमठ दहशत में है। सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया कि, सरकार को आदेश दें कि इस दिशा में फौरन कार्रवाई की जाए।
Updated on:
16 Jan 2023 04:56 pm
Published on:
16 Jan 2023 04:16 pm
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