नोएडा के एक शख्स ने दायर की थी याचिका दरअसल, नोएडा निवासी एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि किसान आंदोलन के चलते दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों में जाम की समस्या बढ़ गई है। मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने यूपी और हरियाणा सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। नोटिस के जवाब में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रविवार को एक हलफनामा दाखिल किया, जिसमे कहा गया, ‘सरकार अदालत के आदेशों के तहत सड़कों को जाम करने पर किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा किसान प्रदर्शनकारियों में अधिकतर बड़ी उम्र के और बूढ़े किसान शामिल हैं।
किसानों से बात कर रही है सरकार यूपी सरकार का कहना है कि गाजियाबाद, यूपी और दिल्ली के बीच महाराजपुर और हिंडन सड़कों के माध्यम से गाड़ियों की सुचारू आवाजाही की इजाजत देने के लिए डायवर्सन बनाया गया है। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में राज्य सरकार के अधिकारियों ने किसान संघों को चिल्ला बॉर्डर से आंदोलन खत्म करने के लिए मना लिया। इसके बाद ट्रेफिक की आवाजाही को बहाल किया गया। एनएच-24 अभी भी ब्लॉक है, जनवरी, मार्च और फिर अप्रैल में भी किसान प्रदर्शनकारियों ने एनएच-24 को बार-बार ब्लॉक किया है। फिलहाल सरकार किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच किसान और सरकार के बीच कई बार बातचीत भी हुई, लेकिन मुद्दे का कोई हल नहीं निकला। इसी बीच 26 जनवरी को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। यही नहीं लाल किले पर एक धर्म विशेष का झंडा भी फहराया गया। इस दौरान कई लोग घायल हो गए थे, वहीं पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था।