
supreme court of India
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को न्यायाधीशों और वकीलों के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्तव्यो के निर्वहन में व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों की झलक न दिखे। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज वी. श्रीशानंद के विवादास्पद बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हम भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते। यह राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है।
सीजेआइ डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बी.आर. गवई, सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय की पीठ ने जज श्रीशानंद के मामले में शुरू की गई स्वप्रेरणा कार्यवाही यह कहते हुए बंद कर दी किजज ने अपने बयानों के लिए माफी मांगी है। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के जज की टिप्पणियां व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों को इंगित करती हैं। सोशल मीडिया के युग में न्यायाधीशों की किसी भी टिप्पणी का व्यापक प्रभाव हो सकता है। लाइव-स्ट्रीमिंग से कोर्ट की कार्यवाही उन दर्शकों तक पहुंचती है, जो अदालत परिसर से बहुत दूर हैं। गौरतलब है कि जज श्रीशानंद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सुनवाई के दौरान उन्होंने बेंगलूरु के एक इलाके को पाकिस्तान बताया था।
कर्नाटक हाईकोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह दरवाजे बंद कर लेना समस्या का कोई समाधान नहीं है। सीजेआइ चंद्रचूड़ ने कहा, सूर्य के प्रकाश का जवाब सूर्य का और ज्यादा प्रकाश है, न कि अदालतों की कार्यवाही को इस तरह दबाना।
Published on:
26 Sept 2024 08:36 am
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