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बगावत की आंच अब हो रही ‘तेज’, Tej Pratap Yadav के चुभते सवालों से कैसे पार पाएगी RJD, बेटे ने हरी टोपी भी त्यागी!

Tej Pratap: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पार्टी से निस्कासन के बाद धीरे-धीरे बागी होते जा रहे हैं। उन्होंने पार्टी के दोहरेपन को लेकर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

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Tej Pratap Yadav

लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप ने त्याग दी हरी टोपी. (Photo: @TejYadav14 X Account)

पिता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और परिवार से निकाले जाने के बाद ज्यों-ज्यों समय बीत रहा है, तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) का परिवार और पार्टी के प्रति गुस्सा बाहर निकल रहा है। वह पार्टी के दोहरेपन को लेकर सार्वजनिक रूप से चुभने वाले सवाल उठाते हुए नजर आ रहे हैं। कुछ दिन पहले अपने तीन बहनों को उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दिया था। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने टीम तेज प्रताप यादव नाम का सोशल मीडिया पेज भी लॉन्च किया। उन्होंने ताजा हमले में सोशल मीडिया पोस्ट में राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र (MLA Bhai Virendra) द्वारा एक पंचायत सचिव को पीटने की धमकी (Maner MLA threatening to beat a panchayat secretary) देने पर पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाया और पार्टी नेतृत्व पर “चुनिंदा कार्रवाई” करने का आरोप लगाया।

पार्टी निस्कासन के बाद बागी हो रहे हैं तेज प्रताप

Tej Pratap Yadav fight independentely in Bihar Election: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खुद के सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ कुछ अंतरंग तस्वीर वायरल हुई और उसके बाद उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निस्कासित कर दिया गया। परिवार से भी उन्हें बाहर करने की बात सामने आई। हालांकि सोशल मीडिया से वायरल हुई तस्वीर कुछ घंटों बाद यह कहते हुए हटा ली गई कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था। हालांकि बाद में वह इस घटना को निजी जिंदगी की बात कहकर, टालते हुए नजर आए। उन्होंने पार्टी से निकाले जाने के बाद घोषणा की कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।

हरी छोड़ पीले रंग की टोपी में नजर आए

मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा क्षेत्र के बोरवारा में 27 जुलाई 2025 को तेज प्रताप यादव ने जन संवाद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस सभा में उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत का एक और नया संकेत दिया। वह राजद की पारंपरिक हरी टोपी को छोड़, पीले रंग की टोपी में नजर आए।

पार्टी से निकाले जाने की टीस, तंज कसने में कोई कसर नहीं

तेज प्रताप यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी पूर्व पार्टी पर दोहरा व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या राजद अपने विधायक भाई वीरेंद्र पर भी करवई करेगी? उन्होंने पार्टी पर बाबा साहब अंबेडकर के आदर्शों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया और कहा कि क्या पार्टी के एमएलए अब एससी-एसटी समाज लोगों के खिलाफ शर्मिंदगी भरी टिप्पणी करेंगे और जान से मारने की धमकी देंगे? पूर्व पार्टी से सवाल करते हुए उनका दंश भी बार-बार सामने आता है। वह यह आरोप लगाते हैं कि मुझे तो जयचंदों की साजिश के तहत पार्टी से बाहर कर दिया गया। वह आगे पोस्ट में विधायक द्वारा पंचायत सचिव को धमकी देने के बारे में लिखते हैं कि अब देखना है कि बवाल करने वालों पर भी पार्टी उतनी ही शक्ति दिखाए गी या नहीं?

भाई वीरेंद्र मनेर से चौथी बार विधायक चुने गए

पूर्व राजद नेता तेज प्रताप ने मनेर से चार बार विधायक बने और लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी वीरेंद्र से जुड़े विवाद पर जोरदार टिप्पणी की। वीरेंद्र का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वह मनेर के एक पंचायत सचिव को 'जूते से पीटने' की धमकी दे रहे हैं। आरोपी विधायक वीरेंद्र पंचायत सचिव को गुस्से में यह सवल करते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि 'कहां, इंग्लैंड का है तुम? मनेर के विधायक को नहीं जानता है तुम?… हिंदुस्तान जानता है और तू कह रहा है कि भाई वीरेंद्र कौन है, नहीं जानते हैं।” यह घटना 26 जुलाई की बताई जा रही है।

विधायक ने पंचायत ​सचिव पर लगाया अभद्र भाषा का प्रयोग

इस बारे में पीड़ित पंचायत ​सचिव की शिकायत पर एससी/एसटी एक्ट की धाराओं सहित एक एफआईआर दर्ज की गई। 30 जुलाई को विधायक वीरेंद्र का वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने कठोर भाषा का प्रयोग किया लेकिन दूसरी ओर उन्होंने पंचायत अधिकारी पर भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

तेज प्रताप ने पार्टी से निकाले जाने पर की थी ये भावुक अपील

पार्टी से निष्कासन के तुरंत बाद तेज प्रताप ने भावुक स्वर में सार्वजनिक रूप से अपने माता-पिता से समर्थन की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि मेरे प्यारे मम्मी-पापा, मुझे बस आपके विश्वास और प्यार की ज़रूरत है, और कुछ नहीं।" "पापा, आप न होते तो न तो यह पार्टी होती और न ही मेरे आस-पास की राजनीति में बैठे ये लालची, विश्वासघाती लोग। मैं बस यही चाहता हूँ कि आप दोनों हमेशा स्वस्थ और खुश रहें।" वहीं एक अन्य पोस्ट में तेज प्रताप ने खुद की तुलना 'कृष्ण' से की थी और अपने छोटे भाई तेजस्वी को “अर्जुन” बताया था। तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई को पार्टी के भीतर 'षड्यंत्रकारियों' से सावधान रहने का आग्रह किया था।

जून महीने में दिए थे पहली बार बगावत के संकेत

हालांकि उसके कुछ हफ्तों के बाद तेज प्रताप के सुर काफ़ी बदल गए हैं। जून में एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा था, "जो लोग मेरी चुप्पी को कमज़ोरी समझते हैं, ये मत समझिए कि मैं आपकी साज़िशों से अनजान हूं। मेरी भूमिका कोई पार्टी या परिवार तय नहीं करेगा। यह जनता और सुप्रीम कोर्ट तय करेगा।"