
लालू प्रसाद यादव, तेज प्रताप, मीसा भारती (फोटो- पत्रिका नेटवर्क)
Tej Pratap Yadav controversy: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का नाम भारतीय राजनीति में एक अहम स्थान रखता है, लेकिन उनके राजनीतिक करियर की चमक के पीछे कई विवादों की गहरी परछाईं भी रही है। चारा घोटाले से लेकर बेनामी संपत्तियों और पारिवारिक कलह तक, लालू यादव और उनका परिवार हमेशा से सुर्खियों में रहा है। हाल ही में उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से जुड़ा विवाद एक बार फिर आरजेडी को मुश्किलों में डाल रहा है। आइए नज़र डालते हैं लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े प्रमुख विवादों पर—
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर विवादों में हैं। हाल ही में उन्होंने सार्वजनिक रूप से दावा किया कि वह पिछले 12 सालों से अनुष्का यादव नाम की एक युवती के साथ रिश्ते में हैं। इसके बाद उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसने राजनीतिक और पारिवारिक तूफान खड़ा कर दिया। लालू यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तेज प्रताप को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया और साथ ही पारिवारिक संबंध भी खत्म करने की घोषणा की।
लालू प्रसाद यादव के करियर पर सबसे गहरा दाग चारा घोटाले का है। यह घोटाला 1996 में सामने आया, जब चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग में घपले का खुलासा किया। जांच में पता चला कि पशुओं के चारे के नाम पर करीब 950 करोड़ रुपये का गबन किया गया था। लालू यादव उस समय मुख्यमंत्री थे और इस घोटाले के मुख्य अभियुक्त बनाए गए। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इस मामले में अब तक कई बार उन्हें सजा हो चुकी है और यह उनके राजनीतिक जीवन का सबसे चर्चित अध्याय बन गया।
लालू यादव और उनके परिवार पर बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप 2017 में सामने आया, जब आयकर विभाग और ईडी ने देशभर में उनके ठिकानों पर छापे मारे। आरोप है कि परिवार ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां खरीदीं, जिनमें दिल्ली, पटना और गुरुग्राम की संपत्तियां शामिल हैं। इस मामले में लालू के बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती पर भी जांच एजेंसियों की नजर है।
लालू यादव की बेटी मीसा भारती पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। मीसा के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने ईडी को बताया कि एक शेल कंपनी के जरिए 1.20 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद किया गया और इस पैसे से दिल्ली के बिजवासन इलाके में फार्महाउस खरीदा गया। ये मामला भी बेनामी संपत्ति विवाद से जुड़ा हुआ है और इससे लालू परिवार की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा।
लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। इस दौर को विपक्षी पार्टियां आज भी 'जंगलराज' कहकर याद करती हैं। आरोप है कि लालू के कार्यकाल में बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी, हत्या, अपहरण और लूट जैसे अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई थी। इसके कारण राज्य की छवि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावित हुई थी।
इन विवादों ने न सिर्फ लालू यादव की छवि को चोट पहुंचाई है, बल्कि आरजेडी के राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक तरफ तेजस्वी यादव पार्टी की साख बचाने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार के भीतर की कलह, कानूनी पचड़े और भ्रष्टाचार के आरोप पार्टी को कमजोर करते दिख रहे हैं। आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी इन विवादों से उबरकर जनता का भरोसा फिर से जीत पाती है या नहीं।
Updated on:
26 May 2025 01:46 pm
Published on:
26 May 2025 01:32 pm
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