
कुलदीप सेंगर (Photo-IANS)
Unnao Rape Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उन्नाव रेप मामले में दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करने और जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। CBI ने विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया और इसे रद्द करने की मांग की। यह याचिका 26 दिसंबर 2025 तक दाखिल की गई, जबकि हाईकोर्ट का आदेश 23 दिसंबर को आया था।
2017 के उन्नाव रेप मामले में सेंगर को दिसंबर 2019 में दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने नाबालिग पीड़िता का अपहरण और बलात्कार करने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर हुआ था। सेंगर ने अपनी सजा और दोषसिद्धि के खिलाफ अपील की थी, जिसमें सजा निलंबन की मांग भी शामिल थी। दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच (जस्टिस सुब्रमोनियम प्रसाद और हरिश वैद्यनाथन शंकर) ने 23 दिसंबर को सेंगर की सजा अपील लंबित रहने तक निलंबित कर दी और जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि सेंगर ने पहले ही 7 साल 5 महीने जेल में काट लिए हैं, जो POCSO एक्ट के तहत अधिकतम सजा से अधिक है।
जमानत शर्तों में सेंगर को 15 लाख रुपये का व्यक्तिगत बॉन्ड और तीन जमानतदार जमा करने, पीड़िता के दिल्ली निवास से 5 किमी दूर रहने, उन्हें या उनकी मां को धमकी न देने और पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया। हालांकि, सेंगर अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि वे पीड़िता के पिता की 2018 में हिरासत में मौत के मामले में अलग से 10 साल की सजा काट रहे हैं।
CBI ने हाईकोर्ट में सेंगर की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था और लिखित सबमिशन दाखिल किए थे। एजेंसी का कहना है कि हाईकोर्ट का आदेश पीड़िता को न्याय नहीं देता और इसे तुरंत चुनौती दी जाएगी। पीड़िता और उनके परिवार ने भी जमानत का विरोध किया, सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा पहले ही वापस ले ली गई है। पीड़िता ने इसे अपने परिवार के लिए 'काल' बताया और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात कर मदद मांगी, जिन्होंने इसे शर्मनाक बताया।
यह मामला 2017 में सुर्खियों में आया जब नाबालिग पीड़िता ने सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया। बाद में पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत और पीड़िता पर हमले जैसी घटनाएं हुईं। राजनीतिक विवाद के बीच कांग्रेस ने हाईकोर्ट के फैसले की आलोचना की। अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से मामले में नया मोड़ आएगा।
Published on:
26 Dec 2025 10:40 pm
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