देश में इतने कम समय में इतने धमाके पहले कभी नहीं हुए थे। एक घंटे के अंदर अहमदाबाद में एक दो नहीं बल्कि पूरे 21 धमाके हुए। इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गईं।
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जहां विभिन्न स्थानों से बम बरामद किए गए थे। अदालत की ओर से सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया। दरअसल पुलिस ने अपनी जांच में इस बात का दावा किया था कि सभी एक ही साजिश का हिस्सा थे। ऐसे में सभी प्राथमिकी को मिलाकर केस की सुनवाई शुरू की गई।
सीरियल बम धमाकों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। गुजरात के मौजूदा DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व में बेहतरीन अफसरों की टीम बनाई गई। वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी 27 तारीख को अहमदाबाद का दौरा किया।
28 जुलाई को गुजरात पुलिस की एक टीम बनी। सिर्फ 19 दिन में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेजा गया। इसके बाद बाकी आतंकी भी पकड़े गए। अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था।
– 78 आरोपितों पर इस मामले में अब तक आरोप पत्र तैयार
– 06 आरोपितों पर आरोप पत्र अभी तैयार होना बाकी है
– 02 आरोपियों की मौत हो चुकी है
– 82 आतंकवादी सलाखों के पीछे हैं
– 96 आतंकियों की पहचान की गई है
– 3 पाकिस्तान और 1 सीरिया भागने में सफल रहा था
– 51 लाख पेज की चार्जशीट है
– 1163 गवाहों की गवाही को वैध रखा गया है
– 2009 से रोजाना हो रही थी इसकी सुनवाई
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