
Supreme Court CJI: जस्टिस जॉयमाल्या बागची (Justice Joymalya Bagchi) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायाधीश (Justice) के रूप में शपथ ग्रहण की है। वे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के न्यायाधीश थे और उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर की गई। जस्टिस बागची का जन्म 3 अक्टूबर 1966 को हुआ था और वे 2 अक्टूबर 2031 को सेवानिवृत्त होंगे। वे मई 2031 में जस्टिस के.वी. विश्वनाथन (K. V. Viswanathan) के रिटायर होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने की कतार में हैं। उनका सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल 6 साल से अधिक का होगा, जिसमें वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य करेंगे।
जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उनके करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले और योगदान शामिल हैं, और वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में 11वें स्थान पर थे। उनकी नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गई है, जबकि स्वीकृत संख्या 34 है।
जस्टिस बागची एक भारतीय न्यायधीश हैं। उनका नाम खासतौर पर कलकत्ता उच्च न्यायालय (अब कोलकाता उच्च न्यायालय) के न्यायधीश के रूप में लिया जाता है। वे एक प्रतिष्ठित न्यायधीश हैं और न्यायपालिका में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनकी सफलता की बात करें, तो उन्होंने न्यायपालिका में महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिनमें संवैधानिक और कानूनी मुद्दों का विश्लेषण और न्यायसंगत समाधान शामिल है। उनके कार्यकाल में उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया की सख्ती और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया।
कॉलेजियम ने साफ कहा कि योग्यता, ईमानदारी और काबिलियत को ध्यान में रखते हुए यह सिफारिश की गई है। साथ ही, यह भी देखा गया कि सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को संतुलित करना जरूरी है।
Updated on:
17 Mar 2025 12:58 pm
Published on:
07 Mar 2025 12:16 pm
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