
Nitin Nabin New BJP Working President: बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन (दाएं) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो सोर्स- नितिन नबीन/X)
भाजपा ने नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। बीजेपी की कमान पहली बार बिहार के किसी नेता के हाथ में होगी। साथ ही, बिहार से एक बार फिर कायस्थ नेता को पार्टी में बड़ा ओहदा मिला है।
नितिन नबीन को हाल ही में बिहार की नई सरकार में शहरी विकास मंत्री बनाया गया था। बिहार की पिछली सरकार में भी वह इसी विभाग के मंत्री थे। उनके पिछले कार्यकाल के दौरान जून से अगस्त 2024 के बीच पुल गिरने की 15 घटनाएं हुई थीं। इसके बावजूद उन्हें मंत्री भी बनाया गया और वही विभाग भी दिया गया।
मार्च 2017 में बांकीपुर (पटना) के विधायक नितिन नबीन ने बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री और कांग्रेस नेता अब्दुल जलील मस्तान पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। मस्तान ने नोटबंदी के खिलाफ रैली आयोजित की थी। नबीन ने आरोप लगाया था कि मस्तान ने रैली में लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर जूते मारने के लिए कहा था। मस्तान तब नीतीश सरकार में आबकारी और मद्य निषेध मंत्री थे।
बांकीपुर से चार बार विधायक बने नितिन नबीन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 लड़ने के वक्त जो हलफनामा दिया था, उसके मुताबिक वह 12वीं पास हैं। उन पर पांच आपराधिक केस और आईपीसी के तहत दो गंभीर मामले दर्ज हैं। उनकी संपत्ति महज तीन करोड़ रुपये की है। 2010 से 2015 के बीच इनकी संपत्ति में जबर्दस्त इजाफा हुआ था। 6.12 लाख से 1.45 करोड़ रुपये।
बीजेपी के नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन कायस्थ जाति से हैं। बिहार में कायस्थ की आबादी दो फीसदी के आसपास ही है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार में इसे हमेशा अहमियत मिली है। अटल सरकार में यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे नेताओं को अहम पद दिए गए थे। मोदी सरकार में भी रविशंकर प्रसाद, आरके सिन्हा आदि को जगह मिली। लेकिन इन दिनों ये नेता किनारे कर दिए गए हैं। ऐसे में अब बीजेपी ने पार्टी में बिहार से एक कायस्थ को ऊंचा ओहदा दिया है।
नितिन नबीन एक बार पटना पश्चिम और चार बार बांकीपुर से विधायक बन चुके हैं। अभी उनकी उम्र करीब 45 वर्ष है। काफी कम समय में विधायक बन जाने की वजह से विधानसभा में उनके कई 'चाचा' हुआ करते हैं।
2017 में जब वह विधानसभा परिसर में खड़े होकर कांग्रेस के सदानंद सिंह से बात कर रहे थे तो एक पत्रकार ने उनसे पूछा, 'क्या बात हुई? आज भाजपा सदन चलने देगी या नहीं?' नबीन ने जवाब दिया, 'यहां दो विरोधी पार्टियों के नेता बात नहीं कर रहे हैं। यह चाचा-भतीजा की बातचीत है।'
नबीन के पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा भी बीजेपी के विधायक थे। वह अपनी पार्टी में जितने लोकप्रिय थे, उतने ही विरोधी पार्टियों में भी थे। यही वजह है कि विधानसभा में नितिन कई विधायकों को 'चाचा' कहते हैं।
नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा से पहले तक कौन और किस अवधि में भाजपा प्रमुख रहे, पढ़ें:
जगत प्रकाश नड्डा (J. P. Nadda) | जनवरी 2020 से
अमित शाह (Amit Shah) | 2014 – 2020
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) | 2013 – 2014 (दूसरा कार्यकाल)
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) | 2009 – 2013
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) | 2005 – 2009
लाल कृष्ण आडवाणी (L. K. Advani) | 2004 – 2005 (तीसरा कार्यकाल)
एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) | 2002 – 2004
के. जना कृष्णमूर्ति (K. Jana Krishnamurthy) | 2001 – 2002
बंगारू लक्ष्मण (Bangaru Laxman) | 2000 – 2001
कुशाभाऊ ठाकरे (Kushabhau Thakre) | 1998 – 2000
लाल कृष्ण आडवाणी (L. K. Advani) | 1993 – 1998 (दूसरा कार्यकाल)
डॉ. मुरली मनोहर जोशी (Dr. Murli Manohar Joshi) | 1991 – 1993
लाल कृष्ण आडवाणी (L. K. Advani) | 1986 – 1991
अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) | 1980 – 1986
Updated on:
14 Dec 2025 07:56 pm
Published on:
14 Dec 2025 06:20 pm
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