
Save Soil Movement: आज पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' के कार्यक्रम में शामिल हुए। सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें पीएम मोदी ने वहाँ मौजूद सभी लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के महत्व के साथ कैसे मिट्टी को बचाने के लिए भारत फोकस होकर काम कर रहा है, उसपर भी प्रकाश डाला। इस दौरान पीएम मोदी ने विश्व के बड़े और आधुनिक देशों पर निशाना साधा और बताया कैसे वो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने बताया कैसे भारत मिट्टी बचाने के लिए 5 प्रमुख बिंदुओं को साथ लेकर चल रहा है।
कौन से हैं वो 5 बिन्दु?
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, "मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है।"
पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं।
दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं।
तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं।
चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें।
पांचवा- वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।
पीएम मोदी ने इस दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु और उनके सहयोगियों की प्रशंसा जिन्होंने Save Soil Movement की शुरुआत की। आज 27 देशों से उनकी यात्रा 75 वें दिन भारत पहुंची है।
सॉइल हेल्थ कार्ड का अभियान
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, "पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को soil health card देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया।"
देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान जारी
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा "हम catch the rain जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है।"
नैचुरल फार्मिंग पर जोर
नैचुरल फार्मिंग को लेकर पीएम मोदी ने कहा, "इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा।"
विश्व के आधुनिक देशों ने पर्यावरण को पहुंचाया काफी नुकसान
पीएम मोदी विश्व के बड़े देशों पर कहा कि "आज जब पर्यावरण के लिए दुनिया परेशान है उस बर्बादी में हिंदुस्तान की भूमिका नहीं है। विश्व के बड़े और आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधन का दोहन कर रहे हैं, बल्कि सबसे ज्यादा Carbon Emission भी उन्हीं के खाते में जाता है।"
भारत पर्यावरण के लिए विश्व के साथ मिलकर कर रहा काम
पीएम मोदी ने आगे कहा, "Carbon Emission का ग्लोबल औसत प्रति व्यक्ति 4 टन का है, जबकि भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन फुट्प्रिन्ट प्रति वर्ष आधे टन के आसपास ही है। बावजूद इसके भारत पर्यावरण की दिशा में एक होलिस्टिक ऐप्रोच के साथ न केवल देश के भीतर, बल्कि वैश्विक समुदाय के साथ भी जुड़कर काम कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, CDRI, इण्टरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के निर्माण का नेतृत्व किया है।"
2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य
Carbon Emission को कम करने को लेकर उन्होंने कहा, "पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट ज़ीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।"
यह भी पढ़े- 40 लोगों की 10 साल की मेहनत, बंजर पहाड़ी एक हजार पेड़ों से जंगल में तब्दील
Updated on:
05 Jun 2022 02:10 pm
Published on:
05 Jun 2022 12:52 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
